एंडोमेट्रियोसिस महिलाओं में होने वाली एक ऐसी बीमारी है जो पीरियड्स को दर्दनाक बना देता है. लंबे समय तक इसे नजरअंदाज करने से प्रेग्नेंसी भी दिक्कते आ सकती हैं.
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एंडोमेट्रियोसिस महिलाओं में होने वाली एक गंभीर बीमारी है. यह उस स्थिति को कहते हैं, जब गर्भाशय की अंदरूनी परत इसके बाहर कहीं और विकसित होने लगती है, जैसे अंडाशय, फैलोपियन ट्यूब, या पेट के अन्य हिस्सों में.
इस स्थिति में हर महीने महिलाओं के पीरियड्स के दौरान जो ब्लीडिंग होती है, वह अंदरूनी अंगों में जमा होने लगता है, जिससे तेज दर्द, सूजन और अन्य समस्याएं होती हैं. एंडोमेट्रियोसिस को पहचानना और इसका इलाज करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि इसके लक्षण कई बार सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं से मेल खाते हैं. यहां आप इस बीमारी के बारे में डिटेल में समझ सकते हैं-
एंडोमेट्रियोसिस के कारण
एंडोमेट्रियोसिस के सही कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन इसके कुछ संभावित कारणों के बारे में शोध किया गया है इनमें प्रमुख कारणों में शामिल हैं- हार्मोनल असंतुलन, जीन और पारिवारिक इतिहास, मासिक धर्म का रेट्रोग्रेड फ्लो.
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एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण
- मासिक धर्म के दौरान सामान्य से कहीं अधिक तेज दर्द होना एंडोमेट्रियोसिस का प्रमुख लक्षण है. यह दर्द मासिक धर्म के पहले से लेकर उसके बाद तक बना रह सकता है.
- एंडोमेट्रियोसिस वाली महिलाओं को आमतौर पर अत्यधिक ब्लीडिंग की समस्या होती है, जो नॉर्मल पीरियड्स से कहीं ज्यादा हो सकता है.
- पीरियड्स का देर से आना या बहुत जल्दी आना.
- एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित महिलाओं को गर्भवती होने में कठिनाई हो सकती है, क्योंकि यह उनके प्रजनन अंगों को प्रभावित करता है.
- एंडोमेट्रियोसिस के कारण पेट में सूजन और वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है, जिससे आमतौर पर पेट में भारीपन महसूस होता है.
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एंडोमेट्रियोसिस का इलाज
एंडोमेट्रियोसिस का इलाज विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है, जिनमें दवाइयां, हार्मोनल उपचार, सर्जरी और कभी-कभी जीवनशैली में बदलाव शामिल हैं.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.