Ghante Wala: मुगलों के शासन की बात जब भी होती, है तो जायके का जिक्र अपने आप हो जाता है. आमतौर पर मुगलई डिश में हमेशा नॉनवेज की ही बात होती है. इसका टेस्ट पुरानी दिल्ली में चखने को खूब मिलता है. लेकिन मुगलई मिठाई के बारे में कम ही बात होती है. आज हम आपको 1790 में स्थापित की गई, उस मुगलकालीन मिठाई की दुकान के बारे में बताने जा रहे हैं, जो फिर से लोगों को लजीज मिठाई का स्वाद चखाने के लिए तैयार है. 


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‘घंटेवाला’ एक बार फिर खुल गई


पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक में मुगलकालीन दुकान ‘घंटेवाला’ एक बार फिर खुल गई है. जहां फिर से घी से बना ‘सोहन हलवा’ और ‘कराची हलवा’ के साथ रागी के लड्डू का स्वाद चखने को मिलेगा. लाला सुखलाल जैन द्वारा 1790 में स्थापित ‘घंटेवाला’ दुकान को घटती बिक्री के कारण 2015 में बंद कर दिया गया था. यह दुकान पुरानी दिल्ली के लोकप्रिय दुकानों में से एक थी.


मुगलकालीन दुकान अपने पुराने पते पर..


हालांकि, 2024 में उत्पादों की ऑनलाइन बढ़ती मांग को देखते हुए यह मुगलकालीन दुकान अपने पुराने पते पर फिर से खोल दी गई है और इस बार दुकान का नया स्वरूप दिया गया है, लेकिन मिठाइयों की सुंगध वही पुरानी है.


हमारा पसंदीदा सोहन हलवा..


‘घंटेवाला’ के मालिक सुशांत जैन ने बताया, ‘‘जब हमें 2015 में दुकान बंद करनी पड़ी तो मेरा पूरा परिवार बेहद दुखी था. कई ग्राहक हमारे पास आकर शिकायत करते थे कि ‘‘अब हम ऐसी मिठाइयां कहां खाएंगे, खासकर हमारा पसंदीदा सोहन हलवा?’’


पूरे देश से मिल रही थी प्रतिक्रिया


जैन ने कहा, ‘‘आखिरकार, दो-तीन साल पहले हमने अपनी परंपरागत मिठाइयों को ऑनलाइन बेचना शुरू किया और पूरे भारत में ग्राहकों से हमें जो प्रतिक्रिया मिली, वह बेहद ही उत्साहजनक थी. तभी हमने फैसला किया कि हमें फिर से अपनी दुकान को वहीं खोलना चाहिए.’’


(एजेंसी इनपुट के साथ)