Pakistan Army on India: भारत का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान इन दिनों आर्थिक और राजनीतिक संकट से गुजर रहा है. पाकिस्तान की महंगाई आसमान छू रही है. पाकिस्तानी आवाम सरकार के सामने त्राहिमाम कर रही है. आपको बता दें कि पाकिस्तान की शासन व्यवस्था में वहां की सेना का सीधा दखल है. पाकिस्तानी सेना जिसे चाहती है, उसे सत्ता के शिखर पर बैठाती है और जब चाहती है, सरकार गिरा देती है. पाकिस्तान के इतिहास में चंद अपवाद जरूर हो सकते हैं लेकिन शासन में सेना की पकड़ को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. इसी पाकिस्तानी सेना को भारत के शेरों ने 4 बार जंग में धूल चटा दी थी. 


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ऐसी है पाकिस्तान की हालत


अपने मुल्क की बेहतरी के लिए पाकिस्तानी सेना अब भारतीय सेना से दोस्ती करना चाहती है, शायद वह समझ चुकी है कि लड़ाई से उसकी हालत और भी बिगड़ती जाएगी. वर्तमान में भारत Chandrayaan-3 जैसे मिशन को लांच कर रहा है, वहीं पाकिस्तान खुद को दिवालिया होने से बचाने की कोशिश में लगा हुआ है. अब पाकिस्तानी सेना भारत की ओर से दोस्ती चाहता है. इसके लिए पाकिस्तानी पत्रकार शहजाद चौधरी के एक लेख को पाक डिफेंस एक्सपर्ट रिफरेंस के तौर पर पेश करते हैं.


आपसी दुश्मनी कब खत्म होगी


शहजाद चौधरी ने अपने लेख में कहा है कि पाकिस्तान और भारत को अब आपसी दुश्मनी को छोड़ देनी चाहिए. मामला सबसे ज्यादा जहां पर गंभीर दिखाई देता है वह मुद्दा कश्मीर का है. हालांकि, पाकिस्तानी पत्रकार शहजाद चौधरी भारत पर आरोप लगाते हैं कि आतंकवाद का हवाला देकर हर बार पाकिस्तान को उसकी स्थिति स्पष्ट करने के लिए मजबूर किया जाता है.


परस्पर निर्भरता से रिश्ते में मजबूती


मौजूदा समय कनेक्टिविटी और परस्पर निर्भरता के साथ आधुनिक व्यवस्थाओं को मजबूत करने का दौर है, लेकिन यह कनेक्टिविटी दक्षिण एशिया के देशों में नजर नहीं आती है. दक्षिण एशिया का क्षेत्र दुनिया के सबसे कम कनेक्टिविटी वाला इलाका बन गया है. दक्षिण एशिया में मौजूद 8 देश सामूहिक वैश्विक व्यापार का सिर्फ 2 फीसदी का ही व्यापार करते हैं.


शहजाद चौधरी का आरोप


पाकिस्तानी पत्रकार शहजाद चौधरी कहते हैं कि यह पहली बार हो रहा है, जब भारत पाकिस्तान पर किसी तरह का दबाव बना रहा है. पाकिस्तान की अर्थ व्यवस्था संकट में है और राजनीतिक अस्थिरता बनी हुई है. पाकिस्तान पर वर्षों से चल रहा कुशासन उसे गर्त की तरफ ले जा रहा है. ऐसे में भारत को पाकिस्तान की मदद करनी चाहिए, लेकिन इसके उलट प्रधानमंत्री मोदी और भारत को किसी दुश्मन की मदद करना नासमझी लगेगी.


दोनों देशों को आना चाहिए साथ


पाकिस्तानी पत्रकार शहजाद चौधरी का कहना है कि अगर दोनों देशों के बीच में व्यापार का रिश्ता खुलता है तो इससे सीमा के दोनों तरफ बैठे लाखों लोगों को सीधे तौर पर फायदा होगा. शहजाद चौधरी अंत में कहते हैं कि भविष्य में प्रगति का रास्ता और बेहतर हो, इसके लिए दोनों देशों को एक साथ आना चाहिए.  पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित इस लेख को पाकिस्तान की तरफ से दोस्ती के गुप्त इशारे की तरह देखा जा सकता है.