Channapatna bypoll: कर्नाटक में उपचुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है. बुधवार को भाजपा नेता सीपी योगेश्वर ने मुख्यमंत्री सिद्दारमैया से बेंगलुरु में उनके 'कावेरी' आवास पर मुलाकात की और कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए. सीपी योगेश्वर भाजपा के टिकट पर हाई प्रोफाइल चन्नापटना सीट से उपचुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन उन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया था. बुधवार को योगेश्वर ने मुख्यमंत्री सिद्दारमैया से मुलाकात की और उनके पैर छूकर आशीर्वाद भी लिया.


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कांग्रेस में हुए शामिल
योगेश्वर सीएम और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार की मौजूदगी में बेंगलुरु स्थित पार्टी मुख्यालय में औपचारिक रूप से कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए हैं. इससे पहले उन्होंने उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, मंत्री जमीर अहमद खान, कन्नड़ एवं संस्कृति मंत्री शिवराज तंगदागी, पूर्व कांग्रेस सांसद डीके सुरेश और अन्य की मौजूदगी में मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के साथ बैठक की थी.


डिप्टी सीएम के कार में बनी प्लानिंग?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के घर जाने से पहले योगेश्वर सुबह-सुबह उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बेंगलुरु स्थित आवास पर गए और उनसे मुलाकात की. शिवकुमार के साथ बैठक के बाद योगेश्वर उपमुख्यमंत्री के साथ उसी कार में मुख्यमंत्री आवास गए.

बीजेपी से क्यों थे नाराज?
योगेश्वर ने एनडीए उम्मीदवार के रूप में जेडीएस के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था. उन्होंने भाजपा को चन्नापटना विधानसभा क्षेत्र से उन्हें उम्मीदवार घोषित करने के लिए मंगलवार शाम तक का समय दिया था.
हालांकि, भाजपा उन्हें चुनावी मैदान में उतारने को तैयार थी, लेकिन जेडीएस नेता और केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी (जो इस सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं) आम सहमति पर नहीं पहुंच सके थे.


क्यों फंसा पेंच?
योगीश्वर ने गठबंधन नेताओं से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने के संबंध में विचार करने की अपील की थी. उन्होंने यह भी कहा था कि टिकट नहीं मिलने पर वे निर्दलीय चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं. योगीश्वर को जद (एस) के टिकट पर मैदान में उतारने की योजना थी, लेकिन वह इसमें रुचि नहीं ले रहे थे. इसके बजाय वह चाहते थे कि कुमारस्वामी उन्हें भाजपा उम्मीदवार के रूप में समर्थन दें, जो कुमारस्वामी और उनकी पार्टी को स्वीकार्य नहीं था.

कौन हैं योगेश्वर?
योगेश्वर ने 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर कुमारस्वामी के खिलाफ चुनाव लड़ा था और चुनाव हार गए थे. आपको जानकर हैरानी होगी योगेश्वर उन नेताओं में से एक हैं, जिन्होंने 2019 में भाजपा को सत्ता में लाने के लिए 'ऑपरेशन लोटस' में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. योगेश्वर का कांग्रेस में शामिल होना भाजपा और जेडीएस के लिए झटका है.

कर्नाटक की तीन सीटों पर उपचुनाव हो रहे
कर्नाटक की संदूर और शिग्गांव विधानसभा सीटों के साथ चन्नपटना में भी उपचुनाव होंगे. नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 25 अक्टूबर है और नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर है. जनता दल (एस) के प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी के मांड्या संसदीय क्षेत्र से लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद चन्नपटना सीट खाली हुई है, जिसके चलते वहां उपचुनाव हो रहा है.
इनपुट आईएएनएस से भी