Priyanka Gandhi: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का चुनावी डेब्यू हो गया है. उन्होंने राहुल गांधी द्वारा छोड़ी गई लोकसभा सीट वायनाड से नामांकन दाखिल कर दिया है. इस मौके पर उनके साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, उनकी मां सोनिया गांधी और भाई राहुल गांधी भी मौजूद रहे.
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Priyanka Gandhi: एक लंबे अरसे तक पर्दे के पीछे से राजनीति कर रही प्रियंका गांधी अब पूरी तरह राजनीति का हिस्सा हो गई हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान पहली बार जनता के सामने आई प्रियंका ने अपना चुनावी डेब्यू कर लिया है. लोकसभा चुनाव 2024 में राहुल गांधी ने दो सीटों (रायबरेली और वायनाड) से चुनाव लड़ा था. बाद में उन्होंने रायबरेली सीट को चुना और अब वायनाड उपचुनाव में प्रियंका गांधी अपना चुनावी डेब्यू कर रही हैं. उन्होंने आज (23 अक्टूबर) को नामांकन दाखिल कर दिया है.
मंगलवार रात अपनी मां और कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ वायनाड पहुंचीं प्रियंका ने अपने भाई व नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के साथ कालपेट्टा स्थित नए बस स्टैंड से रोड शो का नेतृत्व किया. रोड शो के दौरान प्रियंका के पति रॉबर्ट वाड्रा, कांग्रेस और आईयूएमएल के सीनियर नेता खुले वाहन में उनके साथ थे. वाहन में उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट से पार्टी के सांसद किशोरी लाल शर्मा भी मौजूद थे. रोड शो के दौरान प्रियंका गांधी और राहुल गांधी की कई आकर्षक तस्वीरें भी सामने आई हैं.
प्रियंका गांधी ने यहां एक जनसभा को भी संबोधित किया और कहा कि उन्हें 35 वर्षों का राजनीतिक अनुभव है. वह 1989 में अपने पिता राजीव गांधी के साथ चुनाव प्रचार में शामिल हुईं थीं, उसके बाद से 35 वर्षों में उन्होंने अपनी मां, सोनिया गांधी, अपने भाई राहुल गांधी और पार्टी के अन्य सहयोगियों के लिए प्रचार किया है. प्रियंका गांधी का यह बयान वायनाड से भाजपा उम्मीदवार नव्या हरिदास के उस बयान के बाद आया जिसमें उन्होंने कहा था कि वो प्रियंका गांधी से ज्यादा अनुभवी हैं.
“… When I was 17 years old, I campaigned for my father in 1998 …
It’s now 35 years … i have campaigned for my mother … my brother and many colleagues …”
And today Mrs @priyankagandhi ji starts campaigning for the first time as a candidate
WATCH https://t.co/o4LM61nvXK pic.twitter.com/PjAQz53e9H
— Supriya Bhardwaj (@Supriya23bh) October 23, 2024
राहुल गांधी ने जनता को संबोधित करते हुए कहा,'वायनाड देश का ऐसा निर्वाचन क्षेत्र है जहां से दो सांसद हैं. एक आधिकारिक सांसद और दूसरा अनौपचारिक सांसद.' इससे एक दिन पहले प्रियंका के भाई और लोकसभा सांसद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में लिखा,'वायनाड के लोगों के लिए मेरे दिल में एक खास जगह है और मैं अपनी बहन प्रियंका गांधी से बेहतर उनके लिए किसी और प्रतिनिधि की कल्पना नहीं कर सकता. मुझे यकीन है कि वह वायनाड की जरूरतों की एक जोशीली पैरोकार और संसद में एक शक्तिशाली आवाज बनेंगी.'
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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी यूं तो साल 35 वर्षों से राजनीति में हैं लेकिन वो पहले पर्दे के पीछे से ही राजनीति करती थीं. 1999 में अपनी मां सोनिया गांधी के लिए प्रचार से उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी. इसके बाद उत्तर भारत के कई राज्यों में उन्हें पार्टी के पदों पर नियुक्त भी किया गया. हालांकि प्रियंका गांधी को राजनीति में ज्यादा सफलता नहीं मिली. साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रियंका खुलकर मंचों पर आ गई थीं. प्रियंका का राजनीति में खुलकर सामने आना कांग्रेस को मास्टर स्ट्रोक लग रहा था लेकिन नतीजों ने ऐसा कुछ भी मानने से इनकार कर दिया.
Wayanadinte Priyanka pic.twitter.com/BouPRnFPLz
— Congress (@INCIndia) October 23, 2024
इसके बाद यूपी विधानसभा में कुछ ऐसा ही देखने क मिला. 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा. हालांकि 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं में एक बार फिर नई जान फूंक दी है. हालांकि प्रियंका गांधी जो अभी तक उत्तर भारत की राजनीति से जुड़ी हुई थी, को दक्षिण में ला दिया है. केरल की वायनाड सीट से प्रियंका गांधी को लगभग विजेता माना जा रहा है. अगर वो जीत जाती हैं तो गांधी परिवार के मौजूदा समय के तीनों सदस्य संसद में होंगे.
केरल में लोकसभा की तीन सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं. वायनाड के अलावा पलक्कड़ और चेलक्कर में भी उपचुनाव होने हैं. ऐसे में प्रियंका गांधी के सामने वायनाड को जीतने के साथ-साथ इन दोनों सीटों पर भी कांग्रेस उम्मीदवारों की जीत का जिम्मेदारी होगी. इसके अलावा 2026 में राज्य के अंदर विधानसभा चुनाव होने हैं. उत्तर से दक्षिण की तरफ रुख करने वाली प्रियंका गांधी के सामने सबसे बड़ी चुनौती 2026 के विधानसभा में पार्टी की स्थिति को मजबूत करने की जिम्मेदारी भी होगी.