ED's Action Against Fake Company: ED ने पार्ट टाइम नौकरी का झांसा देकर लोगों को ठगने वाली कंपनी के 12 ठिकानों पर छापेमारी कर 5.85 करोड़ रूपये जब्त किए हैं. ये फर्जी कंपनी चीन के लोग चला रहे थे और भारत में लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रहे थे.


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एजेंसी के मुताबिक KeepShare नाम से एक मोबाइल एप्लिकेशन थी जो प्ले स्टोर पर उप्लब्ध थी और इसके मैसेज भी लोगों को व्हाट्सएप और टेलीग्राम फर भेजे जा रहे थे. इन मैसेज में कहा जा रहा था कि अगर लोगों को पार्ट टाइम नौकरी चाहिए तो वो अपने मोबाइल में KeepSharer एप्लिकेशन डाउनलोड करें और घर बैठे हजारों-लाखों कमाएं. लेकिन ये कंपनी ठगी का जरिया थी और चाइनीज इस कंपनी के जरिए लोगों से धोखाधड़ी कर रहे थे.


भारतीयों को कंपनी का डायरेक्टर बनाया गया
धोखाधड़ी के लिए बकायदा भारत में कंपनी बनाई गई जिसमें भारतीयों को कंपनी का डायरेक्टर बनाया गया और ऐसे लोगों को रखा गया जिन्हें चाइनीज भाषा आती थी. इनका काम लोगों से दस्तावेज लेकर चाइनीज मालिकों तक जानकारियां देना होता था और लोगों से लिए दस्तावेजों के आधार पर उनके नाम से बैंक खाते खोले जा रहे थे.


कंपनी लोगों को कहती थी कि Keepsharer नाम की एप्लिकेशन डॉउनलोड करें. वह रजिश्ट्रेशन के नाम पर पहले लोगों से पैसे लेती थी और सेलिब्रिटी के वीडियो को लाइक कर उन्हें सोशल मीडिया पर अपलोड करने के लिए कहती थी. बदले में हर वीडियो के लिये 20 रूपये देने का वादा होता था जो KeepSharer के वॉलेट में डाला जाता था. इसके अलावा इसी एप्लिकेशन के जरिए इन्वेस्ट करने के लिए भी लोगों को कहा जाता थ.


कंपनी ने प्ले स्टोर से अपनी मोबाइल एप्लिकेशन हटा ली
हालांकि कुछ समय तक लोगों से करोड़ों रुपये इक्टठा करने के बाद कंपनी ने प्ले स्टोर से अपनी मोबाइल एप्लिकेशन हटा ली और कंपनी की जानकारी भी जांच में पता चला कि इस पूरे नेटवर्क को चीन के लोग चला रहे थे जो फोन और व्हाट्सएप के जरिए कंट्रोल कर रहे थे. लोगों से करोड़ो ठगने के बाद पैसों को बैंगलुरू की कुछ कपंनियों के जरिए क्रिप्टोकरेंसी में बदल कर चीन भेजा गया.


सबसे पहले इस मामले की शिकायत बैंगलुरू में दर्ज करवाई गई जिसके बाद ED ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कर कंपनी पर छापेमारी कर 5.85 करोड़ रुपये जब्त किए. इस मामले में पुलिस 92 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है जिसमें 6 आरोपी चीन और ताइवान के हैं.


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