Checkpoints for cattle in Kota: मवेशियों के लिए चौकी, ये सुनने में थोड़ा अटपटा लग सकता है, लेकिन यह सच है और सबसे बड़ी बात ये चौकियां कोई विदेशों में नहीं बनाई है. यह भारत देश में ही बनाई गई हैं. अब आप सोच रहे होंगे आखिर मवेशियों के लिए चौकियों को क्यों बनाया गया तो आइए जानते हैं पूरा मामला. 


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कोटा में बनाई गई मवेशियों के लिए चौकियां
शायद भारत में पहली बार ऐसा हुआ कि मवेशियों के लिए कोटा में चौकियां बनाई गई हैं. जिसके लिए पुलिस की भी ड्यूटी लगाई गई है, इस चौकी से 24 घंटे मवेशियों पर निगरानी होगी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नगर निगम कोटा उत्तर ने इस तरह की चौकियों को बनाया है. 


मवेशियों के लिए क्यों बनाई गई चौकियां
कोटा में शहर के बाहर से मवे​शियों की इंट्री रोकने के लिए इस तरह की चौकियों को बनाया गया है. इसके लिए पुलिस भी तैनात किए गए हैं.  नगर निगम  कोटा उत्तर ने ऐसा कदम अपने क्षेत्राधिकार से सटे गांवों से आने वाले मवे​शियों के प्रवेश को रोकने के लिए उठाया है. विभिन्न इलाकों में चौकियां स्थापित कर दी गई है.


24 घंटे होगी निगरानी
पुलिस चौबीस घंटे निगरानी करेगी और शहर में बाहर के किसी भी मवेशियों के एंट्री पर रोक बैन करेगी. पुलिस के साथ कुछ मजदूरों को भी लगाया गया है. जो आए हुए मवेशियों को पकड़ने में मदद करेंगे. शहर के मुख्य मार्ग पर ही मवेशियों को रोक लेंगे.


नियम नहीं माना तो होगी कार्यवाही
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक किसी भी व्यक्ति ने अगर इन इलाकों में मवेशियों को छोड़ा तो उनके खिलाफ निगम प्रशासन की ओर से सख्त कानूनी कार्यवाही की जाएगी.


जनता रहती है मवेशियों से परेशान
शहर की जनता और सड़क पर चलने वाले राहगीर लंबे समय से आवारा मवेशियों की धमाचौकड़ी से परेशान हैं. यहां लगभग हर सड़क पर आवारा मवेशियों का आतंक है. मुख्य मार्ग से लेकर बस स्टैंड, सब्जी मंडी, थाना परिसर, के सामने इन आवारा मवेशियों का जमावड़ा सर्वाधिक देखने को मिलता है. सड़कों पर घूम रहे आवारा पशुओं से आए दिन दुर्घटना होने से लोग परेशान हैं.


वाहन चालक होते हैं परेशान
मवेशियों का सबसे ज्यादा जमावड़ा सड़कों पर होता है. लगभग पूरी सड़क पर मवेशी दिन भर खड़े रहते हैं तो कई मवेशी बीच सड़क पर ही बैठे रहते है. वाहन चालक हार्न भी बजाता है तब भी वे टस से मस नहीं होते. वाहन चालकों को नीचे उतरकर उन्हें सड़क किनारे करना पड़ता है, तभी वह आगे बढ़ते हैं. दिन हो या फिर रात यह मवेशी राहगीरों के लिए सबसे ज्यादा मुसीबत बने हुए हैं. इन तमाम समस्याओं से निपटने के लिए मवेशियों के लिए चौकियां बनाई गई हैं.