Chef Vishnu Manohar 10000 Dosa Challenge: भारत में टैलेंट की कोई कमी नहीं है. सेलिब्रेटी हों या फ्रेशर्स, कुछ कर गुजरने की ठान लेते हैं तो रिकॉर्ड बना देते हैं. दीवाली के त्योहार के मौके पर एक शेफ ने चौबीस घंटे में 10000 डोसे बनाने का संकल्प लिया है. उनके इस जुनूनी पहल की चर्चा सोशल मीडिया पर हो रही है. उनकी तस्वीरें भी वायरल हो रही हैं. लोग जाते हैं और फोटो खिंचाकर और सेल्फी लेकर उनका हौंसल बढ़ा रहे हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यहां बात नागपुर के शेफ विष्णु मनोहर की जिन्हें लोग प्राउड ऑफ नागपुर कहकर बुलाते हैं. शेफ का एनर्जी लेवल बड़ा जबरदस्त है. उनकी प्रतिभा किसी परिचय की मोहताज नहीं और उनका जुनून तो बस देखते ही बनता है, उनके हाथ की बनी चीजों के स्वाद के तो भई क्या कहने, लोग बस उंगलिया चाटते रह जाते हैं. वो अबतक 25 विश्व रिकॉर्ड बना चुके हैं.


ये भी पढ़ें- सस्ते के चक्कर में न फंसो भैया... पनीर से लेकर पेड़ा तक तमाम 'जहर' भरा है



शेफ के बड़े कारनामें 


डोसा चैलेंज से पहले शेफ अयोध्या में 7000 किलोग्राम 'राम हलवा' पका चुके हैं. वो सबसे बड़ा शाकाहारी कबाब के साथ-साथ देश का सबसे बड़ा पराठा बना चुके हैं. उनकी रिकॉर्ड बुक में 52 घंटे की नॉन-स्टॉप कुकिंग मैराथन पूरी करने का जश्न शामिल है. वो अपने टेस्ट के जरिए आज नागपुर को वैश्विक पटल पर ला चुके हैं. अपनी नवीनतम चुनौती में उन्होंने 24 घंटे में 10000 डोसे बनाने का काम शुरू किया है.


ये भी पढ़ें-  दूध, पनीर, मिठाई से सावधान, चुटकियों में पहचानें माल असली है या नकली?


विष्णु की रसोई इस आयोजन के दौरान अन्नपूर्णा माता के आशीर्वाद से सराबोर दिखी. जहां केवल पहले 9 घंटों में आश्चर्यजनक 6750 डोसे तैयार हो गए. हजारों लोग उनके इस जादू को देखने के लिए आ रहे हैं. जो नहीं आ पाए उन्होंने लाइव स्ट्रीमिंग या वीडियो देखकर काम चलाया.


सर्टिफिकेट का इंतजार 


इस एपिसोड के पूरा होने के बाद सेलिब्रिटी शेफ विष्णु मनोहर 2 विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. पहला '24 घंटों तक बिना रुके डोसा बनाना' और '24 घंटों में अधिकतम संख्या में डोसा बनाना'. उनकी 'डोसा मैराथन' 27 अक्टूबर की सुबह 8 बजे से विष्णुजी की रसोई, बजाज नगर में शुरू हुई. 


विष्णु प्रभाकर ने 8 तवों के साथ 3 भट्टियों का इस्तेमाल किया. वहां लोगों ने 1000 Kg चटनी और सांभर के साथ परोसे गए डोसों का आनंद लिया. फ्री एंट्री की वजह से जबरदस्त भीड़ रही. डोसा 'पहले आओ, पहले पाओ' के आधार पर बांटा गया. इस आयोजन के दौरान 24 घंटे के नॉन-स्टॉप मनोरंजन का भी इंतजाम था. हिंदी और मराठी गाने बजते रहे. गजल, भजन, और स्टैंड-अप कॉमेडी का तड़का लगा. 'दिवाली पर्वत' कार्यक्रम के साथ उत्सव का समापन हुआ.