Chhath Pooja: दिल्ली हाई कोर्ट ने यमुना किनारे छठ मनाने की इजाजत मांगने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. हाई कोर्ट ने कहा कि यमुना में प्रदूषण को रोकने के लिए ये बैन लगाया गया है. असल में याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई से ही इंकार किया है. दो संगठनों ने इसके लिए दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया था. याचिका में दिल्ली सरकार के अक्टूबर 2021 में जारी नोटिफिकेशन को चुनौती दी गई थी. इस नोटिफिकेशन के चलते दिल्ली में यमुना किनारे छठ पूजा मनाने पर रोक है


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सुनवाई से इंकार करते हुए कहा..
जानकारी के मुताबिक जस्टिस सुब्रमण्यम ने सुनवाई से इंकार करते हुए कहा कि ये बैन यमुना में प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए लगाया गया था. कोर्ट के रुख को देखते हुए याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ली है. दिल्ली हाई कोर्ट में छठ पूजा संघर्ष समिति और पूर्वांचल जागृति मंच नाम के संगठनों ने याचिका दायर की थी. इस याचिका में 9 अक्टूबर 2021 के दिल्ली सरकार के नोटिफिकेशन को चुनौती दी गई थी.


मनाने की इजाज़त रहेगी लेकिन
इस नोटिफिकेशन के मुताबिक दिल्ली में कुछ तय जगहों पर ही छठ पूजा मनाने की इजाज़त रहेगी लेकिन ये जगह यमुना के किनारे नहीं होनी चाहिए. याचिकाओ में कहा गया था कि ये नोटिफिकेशन मनमाना और असंवैधानिक है. ये लोगों को उनका धार्मिक उत्सव छठ पूजा को यमुना किनारे मनाने से रोकता है. यह लोगों के मूल अधिकारों का हनन है.


वार्ड में तालाब बनाए गए है
पड़ोसी राज्य यूपी और हरियाणा में यमुना के किनारे पर छठ पूजा की इजाज़त है लेकिन दिल्ली के 30-40 लाख लोग इस आदेश के चलते यमुना किनारे छठ नही मना पा रहे. दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि दिल्ली के अलग अलग वार्ड में तालाब बनाए गए है ताकि लोग छठ पूजा मना सके. यमुना प्रदूषित न हो, इसके चलते उसके किनारे पूजा पर बैन लगाया है. एजेंसी इनपुट शामिल