China Officials: एपल के लिए चीन बहुत बड़ा बाजार है. चीन ने अपने अधिकारियों के आईफोन इस्तेमाल करने पर बैन लगा दिया है. चीन के कदम से साफ है कि वो अपने बाज़ार में विदेशी प्रोडक्ट्स की बजाए अपने खुद के देश में बने मोबाइल फोन को तवज्जो दे रहा है. आइए आपको बताते हैं कि चीन के इस कदम का क्या मतलब है.


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चीन कोई भी कदम तब तक नहीं उठाता जब तक की उसे फायदा नहीं होता. सरकारी अधिकारियों के आईफोन पर बैन लगाने के उसके फैसले के पीछे भी उसे अपना ही फायदा दिख रहा है.  पहला ये कि उसे अपनी जासूसी या डेटा चोरी होने का खतरा कम हो जाएगा. दूसरा ये कि चीन ऐसा कर अपनी स्वदेशी कंपनियों को आगे बढ़ाएगा. तीसरा ये कि इससे चीन ने अमेरिका को जवाब दिया है, जिसने चीन की कंपनी हुवावै और टिक-टॉक पर बैन लगा दिया था.


चीन कम कर रहा निर्भरता


एपल अपने करीब 90 प्रतिशत से अधिक उत्पाद चीन में ही बनाती है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में चीन की सरकार की नीतियों और वहां की घरेलू स्थितियों की वजह से एपल अब चीन पर अपनी निर्भरता कम कर रहा है.


चीन एपल आईफोन की सेल्स के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी मार्किट है. 2023 की दूसरी तिमाही में चीन में पूरी दुनिया के 24 प्रतिशत आईफोन बिके. जबकि अमेरिका में 21 प्रतिशत आईफोन बिके थे. साल 2019 तक एपल के सभी प्रोडक्ट का 44 प्रतिशत से 47 प्रतिशत हिस्सा चीन से सप्लाई होता था. लेकिन वर्ष 2020 में ये गिरकर 41 प्रतिशत और 2021 में गिरकर 36 प्रतिशत हो गया है.



अमेरिका और चीन के बीच चल रही ट्रेड और ट्रेड वॉर अब और तेज होगी. क्योंकि चिप टेक्नोलॉजी को लेकर दोनों ही देश एक ही राह पर चल रहे है. दोनों में अव्वल रहने की होड़ लगी हुई है. अमेरिका चिप इंडस्ट्री से चीन की मोनोपॉली को खत्म करना चाहता है. चीन की स्मार्टफोन कंपनी हुवावै का नाम आपने जरूर सुना होगा. हुवावै वही कंपनी है जिसपर अमेरिका ने जासूसी को लेकर प्रतिबंध लगा दिया था.


हुवावै ने बनाया 7nm प्रोसेसर


अब चीनी स्मार्टफोन निर्माता कंपनी हुवावै ने 7nm प्रोसेसर बनाया है. हुवावै ने इसका इस्तेमाल अपने लेटेस्ट स्मार्टफोन mat 60 pro में किया है. अमेरिका ने चिपसेट निर्माण को लेकर चीन पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं. 7nm प्रोसेसर तैयार किए जाने से चीन को उम्मीद है कि वो स्मार्टफोन के लिए चिपसेट बनाने में आत्मनिर्भर हो रहा है.


 हम सालों से एपल के चीन के बाजार पर निर्भरता के बारे में सुनते और पढ़ते आए हैं. लेकिन अब कंपनी चीन से धीरे-धीरे अपने बाजार को समेट रही है. एपल का कारोबार अब भारत, वियतनाम और ताइवान की तरफ शिफ्ट हो रहा है. JP Morgan की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2025 तक दुनियाभर के 25 प्रतिशत आईफोन भारत में बनेंगे. साल 2027 तक दुनियाभर में बिकने वाले आधे आईफोन मेड इन इंडिया होंगे.



एपल की भारतीय प्रीमियम स्मार्टफोन मार्केट में हिस्सेदारी करीब 60 प्रतिशत है. भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से विकास कर रही है. इस वजह से यहां प्रीमियम स्मार्टफोन की मांग में भी इजाफा हो रहा है. इसी वजह से एपल की कोशिश है कि भारत में मार्केट शेयर को बढ़ाया जाए. ये भारत के लिए फायदे का सौदा है और चीन के लिए बहुत बड़ा नुकसान.