श्रीनगर: चीन ने पीओके (PoK) के जरिए भारत को घेरने की तैयारी तेज कर दी है और पीओके में स्थित स्कार्दू को सीधे उस काराकोरम हाईवे से जोड़ रहा है, जो चीन से पाकिस्तान (China-Pakistan) को जोड़ता है. कारगिल से स्कार्दू की दूरी केवल 100 किलोमीटर है और  . ये सामरिक महत्व का नया रास्ता गिलगित के पास जगलोट से शुरू होता है और स्कार्दू तक आता है. स्कार्दू और गिलगित दोनों ही सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण हैं और यहां पाकिस्तान की ताकत बढ़ने का अर्थ लद्दाख के लिए सीधा खतरा होगा.


1979 में खुला था 1300 किलोमीटर लंबा हाईवे


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चीन ने पाकिस्तान के पंजाब के हसन अब्दाल से काराकोरम हाईवे का निर्माण 1959 से शुरू किया था और इसे 1979 से यातायात के लिए खोल दिया गया. 1300 किलोमीटर लंबा ये हाईवे 15466 फीट ऊंचे खुंजेराब दर्रे से गुजरकर चीन के जिनजियांग प्रांत तक जाता है. नेशनल हाईवे 35 नाम के इस हाईवे के जरिए चीन कभी भी लद्दाख और कश्मीर में भारत के लिए नया मोर्चा खोल सकता है. पिछले साल मई से शुरू हुए भारत-चीन के तनाव के दौरान चीनी एयरफोर्स के एयरक्राफ्ट लगातार स्कार्दू एयरबेस पर नजर आते रहे और आशंका थी कि चीन, लद्दाख में पीओके का इस्तेमाल करके भारत के लिए नया मोर्चा खोल सकता है.


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आसानी से फौज को कारगिल से 100 KM दूर ला सकता है चीन


अब पाकिस्तान बेहद महत्वपूर्ण गिलगित-स्कार्दू सड़क को चौड़ा करने काम सितंबर तक पूरा करने की तैयारी में है. यानी इस सड़क के जरिए चीन अपनी फौजें बहुत कम समय में कारगिल से 100 किलोमीटर दूर तक ला सकता है. इस सड़क की चौड़ाई पहले 3.5 मीटर थी, जिसे अब दोगुने से भी ज्यादा 7.5 मीटर की किया जा रहा है. बड़ी फौजी गाड़ियां आसानी से इस सड़क पर चल सकें, इसके लिए तीखे मोड़ों को चौड़ा किया जा रहा है. 167 किलोमीटर लंबी इस सड़क को इस काबिल बनाया जा रहा है कि इससे होकर टैंक, तोपें जैसे बड़े हथियार आसानी से भारत की सीमा तक ले जाए जा सकें.


भारतीय सेना के लिए स्कार्दू काफी अहम


स्कार्दू पर हमेशा भारतीय सेना नजर रखती है, क्योंकि इस रास्ते का इस्तेमाल पाकिस्तान ने हर युद्ध में किया है. स्कार्दू और गिलगित समेत लगभग पूरे बाल्टिस्तान पर पाकिस्तान ने 1947-48 के पहले भारत-पाकिस्तान युद्ध में कब्जा कर लिया था. स्कार्दू पर पाकिस्तान की फौजों ने 9 महीने से ज्यादा समय तक घेरेबंदी के बाद वहां मौजूद भारतीय सैनिकों की सामूहिक हत्या कर दी थी. बाद में 1965, 1971 के युद्धों और कारगिल संघर्ष में भी स्कार्दू पाकिस्तानी सेना की मुख्य बेस रहा है. अब यहां के सामरिक महत्व का भारत के खिलाफ इस्तेमाल पाकिस्तान के साथ-साथ चीन भी करने की तैयारी में है.