Asian Games: एशियन गेम्स शुरु होने से पहले ही चीन ने तीन भारतीय खिलाड़ियों की एंट्री रोककर, खेलभावना के खिलाफ बर्ताव किया है. हालांकि ये चीन की पुरानी फितरत रही है. ये पहली बार नही है जब भारतीय खिलाड़ियों को चीन जाने की इजाजत नहीं मिली हो. अरुणाचल प्रदेश की रहने वालीं जिन तीन खिलाड़ियों को एशियन गेम्स में हिस्सा लेने के लिए चीन ने Entry देने से इंकार किया है, वही तीनों खिलाड़ी इसी वर्ष जुलाई में भी चीन नहीं जा पाईं थीं. तीनों को वहां चेंगदू में University Games में हिस्सा लेने जाना था, लेकिन चीनी अधिकारियों ने उन्हें Staple Visa जारी किया था, इसके बाद अपना विरोध जताने के लिए 8 खिलाड़ियों की भारतीय वुशु टीम ने इन खेलों से अपना नाम वापस ले लिया था.


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दरअसल, चीन की सरकार वर्ष 2009 से अरुणाचल प्रदेश में रहने वाले नागरिकों को Staple Visa जारी कर रहा है. Staple Visa एक ऐसा वीज़ा होता है जिसमें पासपोर्ट में सीधे मुहर नहीं लगाई जाती बल्कि ये एक अलग कागज पर Visa Stamp लगती है. चीन कहता है कि वो अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा नहीं मानता है. लेकिन चीन के इस दावे को भारत सरकार उसका एक राजनैतिक हथियार बताती है. जिसका इस्तेमाल चीन अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा जताने के लिए करता है और ऐसी कोशिश चीन बार-बार लगातार और अलग-अलग तरीकों से करता आया है, लेकिन भारत का Stand भी Clear है, अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग था, है, और रहेगा.


चीन ने भारत की तीन खिलाड़ियों को अपने यहां आने से रोककर एशियन गेम्स को भारत के खिलाफ अपने कूटनीतिक खेल का अखाड़ा बनाया है. और अपने इस घटिया खेल में चीन ने सारे नियम कायदे तक तोड़ दिये हैं. नियम के मुताबिक Accredition Cards ही एशियन गेम्स के आयोजक देश में वीजा का काम करते हैं. Accredition Cards मिलने का मतलब होता है कि खिलाड़ियों को एशियन गेम्स के लिए आयोजक देश में यात्रा करने की मंजूरी मिल गई है.


तीनों वुशु खिलाड़ियों को एशियन गेम्स की इवेंट कमेटी ने खेल में भाग लेने के लिए मंजूरी दे दी थी और तीनों खिलाड़ियों को Accredition Cards इश्यू कर दिए गए थे. लेकिन जिन तीन खिलाड़ियों को चीन ने रोका, उनमें से दो के Accredition Cards, डाउनलोड ही नहीं हुए और वो चीन नहीं जा पाईं. खेल में राजनीति घुसाकर चीन ने भारतीय खिलाड़ियों के साथ जो किया है, उस पर अभी तक एशिया की ओलंपिक काउंसिल ने कोई रियेक्शन नहीं दिया है. लेकिन भारत ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया है.


विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि. अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और हमारे खिलाड़ियों को वीजा देने से इनकार करना बीजिंग के दुराग्रह को दर्शाता है. अरुणाचल प्रदेश राज्य के कुछ भारतीय खिलाड़ियों को चीन के हांग्जो में होने वाले 19वें एशियाई खेलों में मान्यता और प्रवेश से वंचित करके उनके साथ भेदभाव किया है. चीन की कार्रवाई एशियाई खेलों की भावना और उनके आचरण को नियंत्रित करने वाले नियमों दोनों का उल्लंघन करती है. 


एशियन गेम्स की आड़ में चीन ने भारत के खिलाफ जो खेल शुरु किया है, वो इतनी आसानी से खत्म नहीं होगा. भारत ने चीन को ये मैसेज दे दिया है. चीन की इस गिरी हुई हरकत के विरोध में खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने एशियन गेम्स के लिए चीन की अपनी यात्रा को रद्द कर दिया है. अब बात निकली है तो दूर तक जाएगी.