लद्दाख: चीन (China) ने पेंगांग झील (Pangong Lake) में नई नावों की तैनाती की तैयारी की है. लद्दाख (Ladakh) की पेंगांग झील में चीनी सैनिक अक्सर नावों के जरिए भारतीय सीमा में घुसपैठ करते हैं. भारत और चीन ने फरवरी में लद्दाख में पेंगांग झील से अपने सैनिकों की वापसी कर ली थी लेकिन नई नावों की खरीददारी से आशंका (Chinese Boats Deployment In Pangong Lake) है कि चीन पेंगांग झील में नए सिरे से तनाव को बढ़ाने का इरादा रखता है.


क्या है चीनी नावों की खासियत?


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चीन ने पेंगांग झील में आक्रामक तेवर अपनाते हुए दो तरह की आधुनिक और ताकतवर नावों की तैनाती की है. चीनी सेना की जिनजियांग मिलिट्री डिवीजन की वाटर स्क्वाड्रन में 928 C और 928 D नावों को हाल ही में शामिल किया गया है. 928 C नावों की रफ्तार 60 किमी तक है और इसमें पूरा प्लाटून यानी 25 से 30 सैनिक बैठ सकते हैं. इसमें मशीनगन भी लगाई जाती है जिससे झील में गश्त के दौरान भारी फायरिंग की सुविधा रहे.


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दूसरी नाव हमला करने के काम आने वाली 928 D है, जिसकी रफ्तार 60 किमी प्रति घंटा है और इसमें 11 सैनिक यानी एक सेक्शन बैठ सकता है. इसमें कई मशीनगन लगाई जा सकती हैं और अतिरिक्त हथियारों को भी तैनात किया जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक, चीनी सेना की इस वाटर स्क्वाड्रन में 200 से ज्यादा सैनिक और 20 नावें हैं.



चीन का पेंगांग झील पर दावा


बता दें कि पेंगांग झील 135 किमी लंबी है जिसका 40 प्रतिशत भाग भारत में है लेकिन चीन इसके 10 प्रतिशत और हिस्से पर दावा करता है. भारत और चीन के बीच की सीमा यानी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पेंगांग झील के बीच से होकर निकलती है. चीन के सैनिक अपनी नावों पर सवार होकर कई बार LAC को पार करके भारत के इलाके में दाखिल होते हैं.


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भारतीय सेना ने भी की तैयारी


इस जगह पर कई बार भारतीय सेना (Indian Army) की चीनी सैनिकों की नावों से झड़पें भी हुई हैं. झील के रास्ते चीन की घुसपैठ का असरदार ढंग से मुकाबला करने के लिए भारतीय सेना ने इस साल से नई नावों की तैनाती की है. ये नावें खासतौर पर मजबूत स्टील से बनाई गई हैं ताकि ये चीनी नावों की टक्कर को झेल सकें. भारतीय सेना को इस साल जून में 29 ऐसी नावें मिली थीं जिन्हें पेंगांग झील में तैनात किया गया है.


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