नई दिल्ली: नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को कहा कि एयर इंडिया के पास निजीकरण केअलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है. नागरिक उड्डयन मुद्दों पर सवाल का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि एयरलाइन अपने अस्तित्व के लिए सरकारी वित्तपोषण पर निर्भर नहीं हो सकती है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 से पैदा हुई आर्थिक समस्याओं के कारण केंद्र शायद एयरलाइन को वित्तीय मदद नहीं दे सके, क्योंकि समाज के कमजोर वर्गों की सुरक्षा के लिए बड़े पैमाने पर वित्तीय संसाधन की व्यवस्था की गई है.


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मंत्री ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि एयरलाइन को उन लोगों पर छोड़ देना चाहिए जो जानते हैं कि इसे कैसे चलाना है. वह सोशल मीडिया पर एयरलाइन की 'लीव विदाउट पे' (बिना वेतन छुट्टी) नीति के संबंध में आई तीखी राजनीतिक प्रतिक्रियाओं पर जवाब दे रहे थे.


हाल ही में, एयर इंडिया ने एक योजना शुरू की है जिसके तहत कर्मचारी छह महीने से लेकर पांच साल तक के लिए 'बिना वेतन के छुट्टी' लेने का विकल्प चुन सकते हैं. इसके अतिरिक्त, एयरलाइन के प्रबंधन के पास किसी भी कर्मचारी को छुट्टी पर भेजने का विकल्प भी होगा.


एयर इंडिया स्टाफ नोटिस के मुताबिक '7 जुलाई, 2020 को हुई अपनी 102वीं बैठक में निदेशक मंडल ने एक ऐसी योजना को मंजूरी दी जिसके तहत कर्मचारी छह महीने या दो साल या उससे अधिक के लिए 'बिना वेतन के छुट्टी' लेने का विकल्प चुन सकते हैं. इसको पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है.'


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घरेलू उड़ान बढ़ाने पर विचार
हरदीप पुरी ने कहा कि कोरोना को देखते हुए 2-3 हफ्ते में हालात अगर सुधरते हैं तो घरेलू उड़ान को और बढ़ाने पर विचार हो सकता है. कोरोना के चलते राज्य अपने-अपने नियम को बढ़ाते हैं इसलिए ये उन पर भी निर्भर करता है. अभी 33% घरेलू उड़ानें चल रही हैं. विदेशी उड़ानों के लिए बबल सिस्‍टम जरूरी है जिसमें दोनो देशों को उड़ान की इजाजत हो. उन्‍होंने कहा कि आने-जाने वाले यात्री हों, और दोनों देशों में क्‍वारांटइन नियम सही हों और इसे पैसेंजर मानें तब उस दिशा में बबल सिस्टम बनेगा और उड़ान हो सकेगी. 


एयर बबल' के लिए 3 देशों के साथ बातचीत जारी
हालांकि नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत पूर्व शर्तों के तहत उड़ान सेवा की अनुमति देने की 'एयर बबल' व्यवस्था स्थापित करने के लिए तीन देशों के साथ बातचीत कर रहा है. उड्डयन की भाषा में 'एयर बबल' यात्रा व्यवस्था दो देशों के बीच एक खास सुरक्षा और यात्रियों की यात्रा शर्तो के समुच्चय के तहत स्थापित की जाती है, जैसे हाई डिमांड, लीगल एंट्री और एक्जिट नियम और इन सेक्टरों पर संचालन की एयरलाइन की इच्छा.


पुरी ने कहा कि भारत ने एयर फ्रांस को दिल्ली, बेंगलुरू और मुंबई के लिए 18 जुलाई से एक अगस्त तक 28 उड़ानें संचालित करने की अनुमति दी है, जबकि अमेरिका स्थित युनाइटेड एयरलाइंस को 17 जुलाई से 31 जुलाई के बीच 18 उड़ानें संचालित करने की अनुमति दी गई है, और लुफ्थांसा की उड़ानों के लिए जर्मनी से बातचीत जारी है.


मौजूदा समय में भारत और यूएई के नागरिक उड्डयन प्राधिकारी दोनों देशों के बीच 12 जुलाई से 16 जुलाई के बीच विशेष उड़ानें संचालित करने पर सहमत हैं.


व्यवस्था के अनुसार, यूएई द्वारा वहां मौजूद भारतीयों के लिए संचालित की जाने वाली विशेष उड़ानों को आईसीए (फेडरल अथॉरिटी फॉर आइडेंटिटी एंड सिटिजनशिप) द्वारा अनुमोदित यूएई के निवासियों को वापसी के समय उनके देश ले जाने की अनुमति है. इसी तरफ यूएई से भारतीयों को वापस लाने के लिए भारतीय एयरलाइंस द्वारा संचालित उड़ानों को आईसीए-अनुमोदित यूएई निवासियों को भारत से खाड़ी देश ले जाने की अनुमति है. मौजूदा समय में भारत से संचालित होने वाली अनुसूचित वाणिज्यिक अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध 31 जुलाई तक बढ़ा दिया गया है.


(इनपुट: एजेंसी आईएएनएस के साथ)