Global Economic Crime Survey: सर्वे में शामिल 59 प्रतिशत भारतीय कंपनियों ने कहा कि उन्हें पिछले 24 महीने में वित्तीय या आर्थिक धोखाधड़ी का सामना करना पड़ा है. यह वैश्विक औसत 41 प्रतिशत से 18 प्रतिशत ज्यादा है.
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PWC Survey: देश में पिछले 24 महीने यानी दो साल के अंदर कई भारतीय कंपनियों ने वित्तीय धोखाधड़ी का सामना किया है. इसमें खरीद से संबंधित धोखाधड़ी सबसे बड़ा खतरा बनकर उभरी है. पीडब्ल्यूसी (PWC) के एक सर्वे में यह फैक्ट सामने आया है. पीडब्ल्यूसी (PWC) के ग्लोबल इकोनॉमिक क्राइम सर्वे (Global Economic Crime Survey)-2024 ने दुनियाभर के 2,446 कंपनियों के प्रमुखों की प्रतिक्रियाओं का का एनालिसिस किया, इनमें 91 भारत के थे.
आधे से ज्यादा उत्तरदाता अच्छे पदों पर काम करने वाले
पीडब्ल्यूसी ने कहा कि 50 प्रतिशत से ज्यादा उत्तरदाता अच्छे पदों पर काम करने वाले थे. इनमें निदेशक मंडल के मेंबर, मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO), प्रबंध निदेशक और अध्यक्ष शामिल थे. इसमें कहा गया है, ‘सर्वे में शामिल 59 प्रतिशत भारतीय कंपनियों ने कहा कि उन्हें पिछले 24 महीने में वित्तीय या आर्थिक धोखाधड़ी का सामना करना पड़ा है. यह वैश्विक औसत 41 प्रतिशत से 18 प्रतिशत ज्यादा है और इसी सर्वे के 2022 संस्करण के परिणामों की तुलना में 7 प्रतिशत अधिक है.’
धोखाधड़ी अब भारतीय व्यवसायों के लिए प्रमुख मुद्दा
इसमें कहा गया सर्वे का 2024 का वेरिएंट बताता है कि खरीद धोखाधड़ी अब भारतीय व्यवसायों के लिए प्रमुख मुद्दा है, जिसमें 50 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने इसे बड़ी समस्या माना है. यह ग्लोबल लेवल पर इस तरह की धारणा की तुलना में 21 प्रतिशत की जबरदस्त बढ़ोतरी है. इसके विपरीत, साल 2022 में ग्राहक धोखाधड़ी को 47 प्रतिशत व्यवसायों द्वारा शीर्ष चिंता के रूप में बताया गया था. सर्वे में यह भी पता चला कि सभी आर्थिक अपराधों में से करीब 33 प्रतिशत भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी से संबंधित हैं. (इनपुट भाषा)