CJI DY Chandrachud on Global Warming: सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड ने दुनिया में ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते खतरों पर चिंता जताई है. चीफ जस्टिस ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से महिलाओं, दिव्यांगों और मूल निवासियों के लिए खतरा बढ़ रहा है. ऐसे में सभी लोगों को मिलकर इस बारे में सोचने और पर्यावरण संरक्षण पर काम करने की जरूरत है. 


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महिलाओं- दिव्यांगों पर ज्यादा असर


जस्टिस चंद्रचूड रविवार को कहा कि जलवायु परिवर्तन हाशिए पर पड़े और वंचित समूहों के समक्ष पेश आने वाली समस्याओं को बढ़ाता है. उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण महिलाओं, बच्चों, दिव्यांग व्यक्तियों और मूल निवासियों को विस्थापन, स्वास्थ्य समस्याओं और खाद्यान्न की कमी सहित गंभीर खतरों का सामना करना पड़ रहा है.


सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे जस्टिस चंद्रचूड


जस्टिस चंद्रचूड ने कहा, ‘जलवायु परिवर्तन मौजूदा असमानताओं को बढ़ाता है और इसे मानवाधिकारों के मुद्दे में बदल देता है. जो विशेष रूप से उन लोगों को प्रभावित करता है, जिनके अधिकारों से पहले ही समझौता किया जा चुका है.' वे बर्कले सेंटर के 11वें वार्षिक सम्मेलन में ‘तुलनात्मक समानता और भेदभाव का विरोध’ विषय पर संबोधित कर रहे थे. 


'ग्लोबल वार्मिंग को कम करने की जरूरत'


उन्होंने बताया कि जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी समिति (IPCC) ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि तापमान वृद्धि का प्रभाव गरीब और कमजोर वर्ग पर अधिक पड़ रहा है. इसने ग्लोबल वार्मिंग की वजहों और इससे निपटने के तरीकों के बारे में भी सुझाया है. हम सबको मिलकर इस बारे में सोचने और काम करने की जरूरत है.


(एजेंसी भाषा)