सहारनपुर: इस्लामिक मदरसा दारुल उलूम देवबंद (Darul Uloom Deoband) में मौलवियों (Clerics) ने शादी समारोहों के दौरान तेज म्यूजिक बजाने और पटाखों के इस्तेमाल के खिलाफ देशव्यापी अभियान छेड़ दिया है. उन्होंने कहा है कि वे ऐसे समारोहों में निकाह (Marriage) सम्पन्न नहीं कराएंगे. 


दहेज की मांग होने पर नहीं कराएंगे शादी


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देवबंद के जाने-माने मौलवी कारी इशाक गोरा ने रविवार को कहा, 'हर जगह के मौलवियों से यह कहा जा रहा है कि वे ऐसी शादियों में 'निकाह' न पढ़ाएं. हम दहेज के भी खिलाफ हैं और मौलवी ऐसी शादियां नहीं कराएंगे जहां दहेज की मांग की जाती हो.' इस घोषणा के बाद मुजफ्फरनगर में मौलवियों की बैठक हुई, जिसमें सभी ने इस फैसले का स्वागत किया और ऐसी शादियों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया.


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दूल्हें को नाचता देख मौलवी साहब हुए नाराज


दरअसल, कुछ दिनों पहले शामली जिले में एक शादी समारोह में डीजे की धुन पर दूल्हा कार पर चढ़कर नाच रहा था. बस फिर क्या था, मौलवी साहब नाराज हो गए और उन्होंने 'निकाह' पढ़ाने से इनकार कर दिया. इसके बाद दूल्हा और दुल्हन समेत दोनों पक्ष के लोग घबरा गए और निकाह पढ़ाने के लिए तुरंत दूसरे मौलवी को बुलाया गया और आनन-फानन में शादी की सारी रस्में पूरी की गईं.


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