Climate Change early Heat in India and Pakistan: जलवायु परिवर्तन ने भारत के अलावा पाकिस्तान में मुश्किल बढ़ा दी है और इस वजह से समय से पहले 30 गुना हीटवेव का खतरा बढ़ गया है. उत्तर-पश्चिम भारत और दक्षिण-पूर्वी पाकिस्तान में हाल की गर्मी की लहर पर विशेष रूप से नजर रखने वाले और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को मापने वाले एक एट्रिब्यूशन अध्ययन में कहा कि लंबे समय तक लू चलने की संभावना 30 गुना अधिक है.


हीटवेव से हुआ ये नुकसान


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यह बात जलवायु पर अनुसंधान करने वाले वैज्ञानिकों के एक अंतरराष्ट्रीय समूह द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है. विश्लेषण के अनुसार, भारत और पाकिस्तान में लंबे समय से हीटवेव चल रही है, जिसने व्यापक मानव पीड़ा और वैश्विक गेहूं की आपूर्ति को प्रभावित किया है. मानव-जनित जलवायु परिवर्तन के कारण होने की संभावना लगभग 30 गुना अधिक थी.


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इन देशों के वैज्ञानिकों ने किया रिसर्च में सहयोग


भारत, पाकिस्तान, नीदरलैंड, फ्रांस, स्विटजरलैंड, न्यूजीलैंड, डेनमार्क, यूएसए और यूके के वैज्ञानिकों ने यह आकलन करने के लिए सहयोग किया कि मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन ने इस एट्रिब्यूशन अध्ययन में हीटवेव की संभावना और तीव्रता को किस हद तक बदल दिया. यूके मेट ऑफिस ने बदले में, भारत और पाकिस्तान में अप्रैल/मई के तापमान के 2010 के रिकॉर्ड को तोड़ने की संभावना जताई है.


भारत में गर्मी ने तोड़ा 122 साल पुराना रिकॉर्ड


इस साल मार्च की शुरुआत से ही भारत और पाकिस्तान के बड़े हिस्से में समय से पहले ही गर्म हवाएं चलने लगी थीं, जिसका असर अब भी महसूस किया जा रहा है. रिसर्चर्स ने बताया कि भारत में इस साल मार्च सबसे गर्म रहा और 122 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया. इसके साथ ही पाकिस्तान में भी रिकॉर्ड तापमान देखा गया.


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