Bhagwant Mann reply to Nitin Gadkari on NHAI project: पंजाब में NHAI के प्रोजेक्ट्स में कथित रूप से रुकावट डालने के आरोप में केंद्र की मोदी सरकार और पंजाब की भगवंत सरकार के बीच चिट्ठी-चिट्ठी का खेल चल रहा है. केंद्रीय परिवहन मंत्री ने जहां 2 दिन पहले पंजाब सरकार को चिट्ठी लिखकर केंद्र की परियोजनाओं को सुरक्षा देने की मांग की थी. वहीं NHAI के कर्मचारियों पर हमले जारी रहने की स्थिति में राज्य में चल रहे 8 हाईवे प्रोजेक्ट्स को बंद करने की चेतावनी भी दी थी. अब सीएम भगवंत मान ने चिट्ठी लिखकर केंद्र के आरोपों पर विस्तार से जवाब दिया है.


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सीएम भगवंत मान ने गडकरी को लिखा पत्र


सीएम मान ने गडकरी को संबोधित चिट्ठी में लिखा, 'आपने राज्य में जगहों पर हाईवे कर्मचारियों पर हमले होने की घटनाओं का हवाला दिया था. उन दोनों मामलों में पुलिस कानून के अनुसार केस दर्ज कर चुकी है. इसके साथ ही दोनों मामलों में आरोपियों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है. जांच के दौरान एक मामले में पाया गया कि NHAI के ठेकेदार ने एक जगह तय सीमा से ज्यादा मिट्टी की खुदाई कर डाली थी, जिससे लोग नाराज थे और इस मुद्दे पर उनकी ठेकेदार के साथ झड़प हो गई थी.' 


'दोनों मामलों में ठेकेदार की गलती'


सीएम मान ने आगे लिखा, 'दूसरे मामले की जांच में पाया गया कि ठेकेदार ने अपने सब-कॉन्ट्रेक्टर को बकाये का भुगतान नहीं किया था. जिसके चलते दोनों के बीच विवाद हो गया था. ये दोनों ही मामले ठेकेदार की गलती की वजह से उत्पन्न हुए, जिसे समझदारी दिखाई जाती तो आसानी से सुलझा लिया जा सकता था.' 


'किसान अपनी जमीनें छोड़ने को तैयार नहीं'


मुख्यमंत्री ने लिखा, 'जहां तक हाईवे प्रोजेक्ट्स के लिए भूमि अधिग्रहण की बात है, आपको इस बात की सराहना करनी चाहिए कि राज्य के किसान अपनी जमीन से गहराई से जुड़े हुए हैं, क्योंकि यह उनकी बेशकीमती संपत्ति है. यह उनकी आजीविका का मुख्य स्रोत है. इसके अलावा, पंजाब में जमीन की कीमतें ऊंची हैं. अगर हमारे किसानों को लगता है कि मुआवजा पर्याप्त नहीं है तो वे अपनी जमीनें छोड़ने को तैयार नहीं हैं. लिहाजा इस मामले में किसानों के साथ बैठक करके कोई बीच का रास्ता निकाला जाना चाहिए.'


क्यों है दोनों सरकारों में तनाव?


बताते चलें कि पंजाब में आम आदमी के नेतृत्व वाली सरकार है, जबकि केंद्र में बीजेपी का शासन है. ऐसे में केंद्र और राज्य के बीच अक्सर विभिन्न मुद्दों को लेकर ठनी रहती है. पंजाब सरकार का कहना है कि केंद्र सरकार विकास कार्यों में उसके साथ भेदभाव बरतती है और पर्याप्त सहयोग नहीं करती. वहीं केंद्र सरकार का कहना है कि राज्य में कानून- व्यवस्था के हालात लगातार खराब हो रहे हैं और AAP उसे कंट्रोल नहीं कर पा रही है.