`हिजाब बैन` बयान से पलटे CM सिद्धारमैया, तो कांग्रेस पर ओवैसी ने कसा तंज; कही चुभने वाली बात!
कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया के बयान पर अब AIMIM के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी की प्रतिक्रिया आई है. ओवैसी ने कहा है कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार बने हुए करीब 6 महीने हो गए है. मुस्लिम लड़कियों को शिक्षा का अधिकार होना चाहिए या नहीं. इसमें सोचने और चिंतन करने की क्या बात है?
Karnataka Hijab Ban: कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार ने हिजाब पर लगी पाबंदी हटाने पर विचार कर रही है. प्रदेश के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर लगा बैन हटाने की वकालत की है. उन्होंने कहा कि सरकार के स्तर पर विचार-विमर्श के बाद हिजाब बैन के आदेश को वापस लिया जाएगा. सिद्धारमैया ने मीडिया से बताया कि किसी ने उनसे यह सवाल किया था कि हिजाब पर रोक हटाया जाएगा? इस पर उन्होंने जवाब दिया कि सरकार इसे हटाने पर विचार कर रही है.
असदुद्दीन ओवैसी ने दी प्रतिक्रिया
सीएम सिद्धारमैया की बातों पर अब AIMIM के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी का बयान आया है. ओवैसी ने कहा है कि राज्य में कांग्रेस की सरकार बने करीब 6 महीने हो गए. मुस्लिम लड़कियों को शिक्षा का अधिकार होना चाहिए या नहीं. इसमें सोचने और चिंतन करने की क्या बात है? सिद्धारमैया पर तंज करते हुए ओवैसी ने कहा कि धर्मनिरपेक्ष कांग्रेस द्वारा अभी भी हिजाब बैन लागू है. इसके लिए उन्होंने कनार्टक सरकार को धन्यवाद किया. ओवैसी ने आगे कहा कि जिन मुसलमानों ने आपको वोट किया वो इससे काफी खुश होंगे.
हिजाब पर बैन क्या बोले मुख्यमंत्री?
आपको बता दें कि कर्नाटक की पूर्व बीजेपी सरकार द्वारा राज्य में हिजाब पर बैन लगा दिया गया था. इसे लेकर राज्य में काफी बवाल और जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हुए. कर्नाटक में हिजाब बैन को लेकर काफी सियासी संग्राम भी हुआ. बवाल इतना ज्यादा बढ़ गया कि मामला हाई कोर्ट से होते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. अंत में हिजाब बैन के फैसले को बरकरार रखा गया.
फिर तेज हुई सियासी चहलकदमी
अब सिद्धारमैया के हिजाब बैन पर विचार करने के बयान की वजह से सियासी चहलकदमी तेज हो गई है. भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति करना चाहती है. बीजेपी नेता विजयेंद्र ने आगे कहा कि स्कूल कॉलेजों में धार्मिक ड्रेस को मंजूरी देकर सीएम सिद्धरमैया युवाओं को धार्मिक आधार पर बांट रहे हैं. शिक्षण संस्थानों का माहौल खराब कर रहे हैं.
(इनपुट: एजेंसी)