ट्विन टावर का गिरना सिर्फ खबर नहीं, नोएडावासियों के लिए यह खतरे की घंटी है! अगले 90 दिनों तक ऐसा रहेगा आसमान
ट्विन टावर के गिरने के बाद करीब 30 मिनट तक धूल का गुबार करीब 500 मीटर के वातावरण में फैला रहेगा. जिसके चलते आसपास के लोगों को काफी दिक्कतें हो सकती हैं. साथ ही इससे निकलने वाला करीब 30 हजार टन मलबे को साफ करने में भी 3 महीने का वक्त लगने वाला है.
Twin Tower Demolition: सुपरटेक के ट्विन टावर (Twin Tower) गिराने की अंतिम प्रक्रिया जारी है. इसको बनाते वक्त आसपास के लोगों को स्वास्थ संबंधी जितनी दिक्कतें हुईं थी. उससे कई गुना ज्यादा दिक्कत लोगों को इसके गिरने के बाद होने वाली है. ट्विन टावर के गिरने के बाद करीब 30 मिनट तक धूल का गुबार करीब 500 मीटर के वातावरण में फैला रहेगा. जिसके चलते आसपास के लोगों को काफी दिक्कतें हो सकती हैं.
अगले 90 दिनों तक ऐसा रहेगा आसमान
साथ ही इससे निकलने वाला करीब 30 हजार टन मलबे को साफ करने में भी 3 महीने का वक्त लगने वाला है. ये भी लोगों के लिए एक बड़ी समस्या पैदा करेगा. ट्विन टावर यानी एपेक्स और सियान टावर के ध्वस्त होते ही धूल का गुबार उठेगा. इससे वायु प्रदूषण पांच गुना तक बढ़ सकता है. इसके कारण 28 अगस्त के दिन से अगले 90 दिनों तक लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी का सामना करना पड़ेगा.
पहले भी हो चुकी है ऐसी परेशानी
गौरतलब है की केरल के कोच्चि और मराडु में जनवरी 2020 में चार टावर होली फेथ एच 20, अल्फा सिरीन, जैन कोरल कोव व गोल्डन कायलओरम के ध्वस्तीकरण के बाद आसपास के लोगों को महीनों तक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हुई थीं. इसमें सिरदर्द, अस्थमा, अटैक, जुकाम, कफ और एलर्जी के कारण लोग कई सप्ताह तक परेशान रहे थे. इस दौरान प्रशासन को स्वास्थ्य शिविर लगाना पड़ा था. टावर ध्वस्तीकरण के बाद आसपास के घर, पेड़, दीवार, पार्क सहित खाली जगह पर धूल जम गई थी. हल्की हवा चलने पर भी लोगों के घरों में धूल घुस जाती थी.
हवा की रफ्तार तय करेगी धूल के गुबार की दूरी
डॉक्टर डी. के. गुप्ता के मुताबिक टावर ध्वस्तीकरण प्रक्रिया के दौरान 10 से 15 किलोमीटर के एरिया में ध्वनि प्रदूषण एवं वायु प्रदूषण के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन टावर ध्वस्त होते ही यह परेशानी एक दम से बढ़ जाएगी. ध्वस्तीकरण से धूल का गुबार करीब डेढ़ सौ मीटर की ऊंचाई में उठने की संभावना है. इसको नियंत्रित करने के लिए ऑटोमैटिक वाटर स्प्रिंकलर के साथ वाटर टेंडर मौजूद रहेगा. जबकि धूल का गुबार कितनी दूरी तक जाएगा, यह हवा की रफ्तार पर निर्भर करेगा.
एमराल्ड कोर्ट सोसायटी व एटीएस विलेज सोसायटी इससे सबसे अधिक प्रभावित रहेंगी. इसके कारण सांस संबंधी बीमारियों से ग्रसित लोगों को विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है. धूल के कणों और अचानक बड़े वायु प्रदुषण से लोगों को निम्न दिक्कतें हो सकती हैं..
1- सिर दर्द
2- आंखों में दिक्कत (जलन होना, लाल हो जाना, खुजली होने की समस्या)
3- क्रानिक ब्रोंकाइटिस
4- स्किन रेशेस
5- नाक बहना, गले में दिक्कत
6- कफ की समस्या
7- अस्थमा के अटैक
8- ब्लड प्रेशर बढ़ जाना
9- मानसिक तनाव
10 - प्रग्नेंट महिलाओं को जल्दी लेवेर पेन, प्रीमैच्योर डिलीवरी
11- एलर्जिक सायनुसाइटिस जैसे रोग हो सकते हैं
कैसे कर सकते हैं बचाव
1- मास्क पहनें
2- कुछ समय के लिए आस पास के एरिया से दूर रहें
3- घरों में एयर पीयूरिफायर का प्रयोग करें
4- बाहर जाने से परहेज करें
5- नियमित रूप से दवा लें (जो किसी भी रोग के लिए दवा खा रहे हैं)
6- स्किन मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल करें
7- आंखों की सुरक्षा के लिए चश्मे का प्रयोग करें
8- स्किन या आंखों में जलन होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें
आस-पास के निवासियों के लिए जरुरी सुझाव
1- विध्वंस के समय (दोपहर 2:30 बजे) अपने दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें.
2- आप अपने एसी यूनिट को कवर करने की योजना बना सकते हैं.
3- आप अपने वाहनों को कवर करने की योजना बना सकते हैं, विशेष रूप से खुली पार्किंग में पार्क किए गए.
4- अपने एसी को तब तक बंद कर दें जब तक कि विस्फोट के ठीक बाद धूल जम न जाए.
5- उस अवधि के लिए अपने फ्लैट/सोसाइटी से बाहर जाने से बचें.
6- अगर आपको किसी काम के लिए बाहर जाना पड़े तो ट्रैफिक एडवाइजरी (संलग्न) देखें.
7- बालकनियों से कपड़ा आदि हटा दें.
8- चिमनी के निकास को कवर करें.
9- विध्वंस के दौरान और बाद में सांस की तकलीफ से बचने के लिए मास्क पहनें.
10- कोई भी दिक्कत होने पर डॉक्टर से तुरंत सलाह लें.
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