OTC Drug Policy: क्या किराने की दुकान पर भी मिलेगी खांसी-जुकाम की दवा? इस पर क्यों किया जा रहा विचार
OTC Drug Policy Rule: डॉक्टर के बिना प्रिस्क्रिप्शन के मिलने वाली दवाएं ओवर द काउंटर (OTC) की लिस्ट में आती हैं. आइए जानते हैं कि स्पेशल कमेटी क्या नियम बनाने पर विचार कर रही है.
Over The Counter Drug Policy: क्या भारत में भी खांसी-जुकाम और बुखार (Fever) की दवा जनरल स्टोर पर मिलनी चाहिए जैसा कि अन्य कई देशों में होता है? सूत्रों से ऐसा पता चला है कि भारत सरकार की तरफ बनाई गई एक कमेटी पर इस पर विचार कर रही है. ओटीसी यानी ओवर द काउंटर ड्रग पॉलिसी में इस पर चर्चा की जा रही है. ऐसा इसलिए सोचा जा रहा है जिससे के गांव-देहात में खांसी-जुकाम और बुखार की दवा लोगों तक आसानी से पहुंच सके. इसके लिए डॉक्टर का प्रिस्क्रिप्शन ना लेना पड़े.
बिना प्रिस्क्रिप्शन के किन देशों में मिलती है OTC दवा?
TOI में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका जैसे कई देश जनरल स्टोर्स में भी आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली सर्दी-जुकाम और बुखार जैसी दवाओं की बिक्री की अनुमति देते हैं. सूत्रों के अनुसार, भारत की ओवर द काउंटर ड्रग पॉलिसी को देख रहे कुछ एक्सपर्ट्स ने सुझाव दिया कि गांवों में रहने वाली आबादी को ध्यान में रखते हुए पॉलिसी में बदलाव करना चाहिए. हालांकि, अभी तक इसपर कोई फैसला नहीं लिया गया है.
पढ़ें: लोकसभा चुनाव 2024: पहले चरण में दांव पर 8 केंद्रीय मंत्रियों सहित कई दिग्गजों की साख
क्या होती हैं OTC ड्रग?
गौरतलब है कि ओवर द काउंटर में वो दवाएं आती हैं जिन्हें डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के बिना बेचा जा सकता है. अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में उनके वर्गीकरण और इस्तेमाल को लेकर साफ गाइडलाइंस हैं.
क्या जनरल स्टोर पर मिलेगी दवा?
जान लें कि इसी साल फरवरी में डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज अतुल गोयल ने भारत की ओटीसी ड्रग पॉलिसी तैयार करने के लिए एक स्पेशल कमेटी का गठन किया था. कमेटी ने हाल ही में बिना प्रिस्क्रिप्शन के बेची जा सकने वाली दवाओं की पहली लिस्ट सौंपी है, जिसके बाद सोमवार को चर्चा करने के लिए एक बैठक बुलाई गई थी.
पढ़ें: एक तस्वीर ने कैसा 'बम' फोड़ा, प्रधानमंत्री बनते-बनते रह गए बाबू जगजीवन राम
भारत में क्या है नियम?
जानकारी के मुताबिक, भारत में प्रिस्क्रिप्शन वाली दवाओं का नियम है लेकिन बिना प्रिस्क्रिप्शन के बेची जाने वाली दवाओं के लिए कोई गाइडलाइन या लिस्ट नहीं है. एक दवा को तब तक ओटीसी माना जाता है जब तक कि उसे खास तौर पर केवल प्रिस्क्रिप्शन वाली दवा के रूप में नहीं बताया जाता है. यह पहली बार है कि जब ओटीसी के लिए इस तरह सोचा जा रहा है.