IT Company: देश में यदि आईटी कंपनी की बात की जाती है तो इंफोसिस कंपनी का नाम सबसे पहले आगे आता है. आईटी के क्षेत्र में इस कंपनी ने बहुत नाम कमाया है. आज इसमें हजारों की तादाद में कर्मचारी काम कर रहे हैं. इस कंपनी को खड़ा करने के लिए कितनी मेहनत लगी इसकी कहानी सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे. कंपनी काे मुश्किल से 6 लोगों ने मिलकर शुरू किया था, लेकिन आज ये कंपनी देश की जानी मानी कंपनी बन चुकी है. देशभर में इसके कर्मचारी काम कर रहे हैं.


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भारत की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी बनी
इंफोसिस भारत की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी बन चुकी है. इस कंपनी के फाउंडर एनआर नारायण मूर्ति की कहानी बहुत ही रोचक है. इस कंपनी को यहां तक पहुंचाने में मूर्ति का बहुत बड़ा योगदान रहा है. अपने कर्मचारियाें का वप काफी ख्याल रखते हैं.


पत्नी से लिए थे 10 हजार उधार
इंफोसिस कंपनी के फाउंडर एनआर नारायण मूर्ति ने अपनी पत्नी सुधा मूर्ति से 10 हजार रुपये उधार लेकर कंपनी को चलाना शुरू किया था. सन 1981 में नारायण मूर्ति ने अपने 6 इंजीनियर साथियों के साथ मिलकर काम को शुरू किया था. धीरे-धीरे काम ने ऐसी लय पकड़ी कि आज नारायण मूर्ति का पूरे देश में नाम जाना जाता है.


सुधा मूर्ति ने कहा नहीं जानती थी आगे क्या होगा
सुधा मूर्ति ने अपने एक इंटरव्यू में कहा कि जब पति को 10 हजार रुपये दिए तो उस समय कुछ नहीं मालूम था कि आगे क्या होगा, लेकिन मेरी मां ने कहा था कि हमेशा अपने पास कुछ पैसे जरूर रखने चाहिए. जो कुछ भी कमाती थी थोड़ा बहुत बचा कर रख लेती थी. मां की ये सीख काम आई. सन 1999 में इंफोसिस अमेरिका शेयर बाजार Nasdaq में लिस्ट हुई और ये कारनामा करने वाली इंफोसिस भारत की पहली कंपनी बन गई.


सुधा मूर्ति को मिला पद्म भूषण
सुधा मूर्ति को भारत का तीसरा सबसे बड़ा सम्मान पद्म भूषण दिया गया है. ये सम्मान उन्हें अपनी सरलता और सादगी के लिए दिया गया था.


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