नई दिल्ली: देश में स्वच्छ ईंधन चालित परिवहन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्रीय मंत्रिमंडल इस माह के अंत तक फेम इंडिया योजना के दूसरे चरण को मंजूरी देने पर विचार कर सकता है. इसके लिए वह पांच साल में 5,500 करोड़ रुपये व्यय किए जाने का प्रावधान कर सकता है.


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एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि योजना के दूसरे चरण में विभिन्न श्रेणियों के इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों के पंजीकरण और पार्किंग शुल्क में छूट देने और सड़क कर से राहत देने जैसे प्रोत्साहन वाले कदम उठाए जाएंगे.


हालांकि उन्होंने योजना को लागू करने की अगले पांच साल की अवधि में ई-वाहनों की खरीद के लिए किसी तरह का लक्ष्य होने से इनकार किया. बजाय इसके यह योजना ई-वाहनों की मांग बढ़ाने और चार्जिंग का बुनियादी ढांचा खड़ा करने पर ध्यान देगी.


अधिकारी ने मीडिया से कहा, ‘‘इस योजना के तहत बैटरियों के लिए किसी तरह के मानकीकरण को शुरू नहीं किया गया है. इसमें एक ही प्रकार की बैटरी किसी भी तरह के इलेक्ट्रिक वाहन के लिए उपयुक्त होती है.


इस योजना के तहत लागू होने के पहले साल में दोपहिया विद्युत वाहन (ई-वाहन) खरीदार 25,000 रुपये तक की सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं. वहीं तिपहिया ई-वाहनों के लिए 40,000 रुपये और इलेक्ट्रिक कार के लिए 50,000 रुपये तक की सब्सिडी का लाभ उठाया जा सकता है.


(इनपुट भाषा से)