नई दिल्ली: कांग्रेस और वाम दलों ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति( अत्याचार निवारण) अधिनियम को कथित तौर पर शिथिल किए जाने के विरोध में दलित संगठनों के राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान हुई हिंसा के लिए आज केंद्र को जिम्मेदार ठहराया. विपक्ष ने सरकार पर सुप्रीम कोर्ट में मामले की सही तरीके से पैरवी नहीं करने का आरोप लगाया.


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कांग्रेस ने साधा आरएसएस और बीजेपी पर  निशाना
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दलितों के हालत के लिए आरएसएस और भाजपा को आड़े हाथ लिया. राहुल ने सोमवार को ट्वीट किया, ‘‘ दलितों को भारतीय समाज के सबसे निचले पायदान पर रखना आरएसएस: भाजपा के डीएनए में है. जो इस सोच को चुनौती देता है उसे वे हिंसा से दबाते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ हजारों दलित भाई- बहन आज सड़कों पर उतरकर मोदी सरकार से अपने अधिकारों की रक्षा की माँग कर रहे हैं. हम उनको सलाम करते हैं.’’ 


भारत बंदः कई राज्यों में हुए हिंसक प्रदर्शन में 9 लोगों की मौत, हालात तनावपूर्ण


पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शांति की अपील की. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ हम स्तब्ध एवं आहत हैं कि हमारे कुछ दलित भाई- बहनों की मौत हो गयी है और कई अन्य घायल हुए हैं. हम उनके उद्देश्यों का समर्थन करते हैं. मैं शांति की अपील करती हूं.’’ 


भाकपा और माकपा ने की हिंसा की निंदा
माकपा ने जारी एक बयान में हिंसा की निंदा की जिससे आंदोलनकारियों की मौत हुई और केंद्र सरकार पर अदालत में मुद्दे पर प्रभावी तरीके पैरवी करने में असफल रहने का आरोप लगाया. भाकपा ने भी हिंसा की निंदा की और पीड़ितों के परिवारों को पर्याप्त मुआवजा दिये जाने की मांग की. भाकपा ने इसके साथ ही उन पुलिस अधिकारियों को सजा की भी मांग की जिन पर उसने हमला करने का आरोप लगाया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और मल्लिकार्जुन खड़गे ने दलितों के हिंसक प्रदर्शन के दौरान जानमाल के नुकसान के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया.


(इनपुट - भाषा)