Nitin Gadkari on constitution: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस जब सत्ता में थी तो उसने संविधान में संशोधन किए, लेकिन अब वह इस प्रकार की ‘भावनात्मक बातें’ करती है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इसमें बदलाव करेगी. विदर्भ के वर्धा जिले में कई चुनावी रैलियों में गडकरी ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं की पार्टी है, जबकि कांग्रेस वंशवाद की राजनीति करती है. उन्होंने देवली में एक रैली को संबोधित करते हुए लोकसभा चुनाव प्रचार में कांग्रेस नेताओं के बयानों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘वे (कांग्रेस) भावनात्मक बातें करते हैं कि अगर भाजपा को (लोकसभा में) 400 सीट मिल गईं तो संविधान बदल दिया जाएगा. वे झूठ बोलते हैं.’


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'कांग्रेस ने संविधान में बदलाव किया'


केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा कि केशवानंद भारती मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के अनुसार, संविधान की मुख्य विशेषताओं को बदला नहीं जा सकता. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने संविधान में संशोधन किया था. गडकरी ने एक अन्य रैली में कहा कि अगर कांग्रेस ने ग्रामीण भारत को प्राथमिकता दी होती तो किसान आत्महत्या नहीं कर रहे होते और गांवों में गरीबी कम होती. महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर वर्धा जिले के अरवी में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) न तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पार्टी है और न ही उनकी, बल्कि यह उन कार्यकर्ताओं की पार्टी है जिन्होंने अपना जीवन इसके लिए समर्पित कर दिया है.


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कांग्रेस ने रोका गांवों का विकास: गडकरी


उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा में पार्टी कार्यकर्ताओं के योगदान की भी सराहना की. नागपुर से भाजपा के लोकसभा सदस्य गडकरी ने पार्टी कार्यकर्ता के रूप में अपने उस समय को याद किया जब वह राज्य के विदर्भ क्षेत्र के पड़ोसी वर्धा जिले में दो अन्य लोगों के साथ एक ही स्कूटर पर यात्रा करते थे. महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में 62 सीट विदर्भ क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं.


गडकरी ने कहा, ‘भारत के 75 साल के इतिहास में कांग्रेस ने कभी भी देश के ग्रामीण इलाकों के विकास को प्राथमिकता नहीं दी. गांवों में न सड़कें थीं, न पीने का पानी था.’ उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस ने कभी ग्रामीण भारत के विकास के बारे में गंभीरता से नहीं सोचा. अगर ग्रामीण भारत को प्राथमिकता दी जाती तो किसान आत्महत्या नहीं करते, गांवों में गरीबी नहीं होती.’


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गडकरी ने कहा कि वह किसी भी तरह के आरक्षण का विरोध नहीं करते लेकिन राजनीति के लिए कभी भी धर्म और जाति का इस्तेमाल नहीं करेंगे. भाजपा नेता ने कहा कि जो लोग सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े हैं, उन्हें आर्थिक और शैक्षणिक रूप से सक्षम बनने के लिए आरक्षण मिलना चाहिए, लेकिन जातियों की ढाल को आगे रखकर नहीं. वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि जो लोग सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े हैं, उन्हें आर्थिक और शैक्षणिक रूप से सक्षम बनने के लिए आरक्षण मिलना चाहिए, लेकिन जातियों की ढाल बनाकर नहीं.  हमें अपने काम की वजह से विकास करना है. (इनपुट: भाषा)