शादाब सिद्दीकी, नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के जस्टिस ए के गोयल के खिलाफ अभियान चलाने का फैसला किया है. पार्टी ने अपने दलित सांसदों से यह कहा है कि वह इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाएं और इसको राज्यों में भी ले जाएं. कांग्रेस पार्टी आरोप लगा रही है कि जस्टिस ए के गोयल ने SC-ST अधिनियम के प्रावधानों को कमजोर किया है जिससे दलित समुदाय के व्यक्ति को उत्पीड़न के खिलाफ शिकायत करने में परेशानी हो रही है. कांग्रेस आरोप लगा रही है कि जस्टिस ए के गोयल की सुप्रीम कोर्ट से रिटायरमेंट के अगले ही दिन उनको प्रभावशाली पद से नवाज दिया गया और यह सबकुछ जानबूझकर नरेंद्र मोदी सरकार ने किया. यह दिखाता है कि सरकार उनके फैसले का समर्थन करती है.


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विधानसभा चुनावों में भी जोर-शोर से इस मुद्दे को उठाएगी कांग्रेस
कांग्रेस पार्टी ने यह भी तय किया है कि वह आगामी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनावों में भी जोर-शोर से इस मुद्दे को उठाएगी और केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ इन तीनों ही राज्यों में दलितों को लामबंद करेगी और इस मुद्दे को देश भर में प्रचारित-प्रसारित करेगी. इसी रणनीति के तहत गुरुवार को लोकसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे और के सुरेश ने इस मुद्दे को उठाया और उन्हें फौरन उनके पद से हटाने की मांग की. इन दोनों ही नेताओं ने कहा इस फैसले के खिलाफ दलित समाज के लोग उद्वेलित हैं और समाज के लोगों ने इसके तुरंत बाद आंदोलन भी किया था. कांग्रेस सांसद के सुरेश ने तो यहां तक आरोप लगा दिया कि जस्टिस गोयल ने यह फैसला दबाव में दिया था और जिसका पुरस्कार उन्हें मिल गया.


कांग्रेस पार्टी के दो बड़े नेताओं ने संसद के अंदर यह मामला उठा दिया
के सुरेश ने अपने भाषण में केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की उस चिट्ठी का भी जिक्र किया जो उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी है और जस्टिस गोयल को उनके पद से हटाने की मांग की है. हालांकि मल्लिकार्जुन खड़गे और के सुरेश की बातों का BJP के कुछ सांसदों ने विरोध किया और इसे गलत बताया. कांग्रेस पार्टी के दो बड़े नेताओं ने संसद के अंदर यह मामला उठा दिया अब पार्टी संसद के बाहर भी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाने की तैयारी कर रही है.


मोदी सरकार के खिलाफ एक बड़ा मुद्दा बना सकती है कांग्रेस
पार्टी के रणनीतिकार मान रहे हैं कि यह नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ एक बड़ा मुद्दा बन सकता है और उस मुद्दे को लेकर दलितों को गोलबंद किया जा सकता है. इस मामले को लेकर बीजेपी के दलित सांसदों ने भी नाराजगी जताई है और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने तो बताया था कि उन्होंने प्रधानमंत्री को चिट्ठी तक लिख दी है. लिहाजा कांग्रेस आने वाले दिनों में इस मुद्दे के जरिए नरेंद्र मोदी पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाकर उनको घेरेगी.