बेंगलुरु: कर्नाटक में कांग्रेस-जनता दल (सेक्यूलर) का सत्तारूढ़ गठबंधन रविवार को बड़ी रैली के साथ लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत करेगा. बेंगलुरु के बाहरी इलाके में आयोजित होने वाली रैली को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और जनता दल सेक्युलर (जद-एस) प्रमुख एच डी देवेगौड़ा संबोधित करेंगे.


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'परिवर्तन समावेश' नामक रैली कर्नाटक में सरकार बनाने के बाद कांग्रेस-जनता दल सेक्युलर की पहली संयुक्त रैली होगी. मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने रैली के इंतजाम की समीक्षा के लिए नीलमंगला के नजदीक बीआईईसी ग्राउंड का दौरा किया और कहा कि यह रैली ऐतिहासिक होगी. 


कांग्रेस की कार्यकर्ताओं को अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी
पार्टी के भीतरी असंतोष से कर्नाटक में सत्ताधारी कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की संभावनाएं प्रभावित होने को लेकर सतर्क कांग्रेस ने अपने कार्यकर्ताओं को चेतावनी दी है कि यदि उन्होंने लोकसभा चुनाव में गठबंधन उम्मीदवार के खिलाफ काम किया तो ‘कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई’ की जाएगी.


भाजपा को मात देने के लिए कांग्रेस और जदएस के लिए यह जरूरी है कि उनके वोट एकदूसरे के पार्टी उम्मीदवारों को हस्तांतरित हों लेकिन दोनों ही पार्टियों में इसको लेकर चिंता है कि असंतोष उनके प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है.


मई 2018 विधानसभा चुनाव के पहले एकदूसरे के खिलाफ लड़ने वाली दोनों पार्टियों ने चुनाव बाद किसी को भी स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने के बाद एक गठबंधन बना लिया था. यद्यपि दोनों पार्टियों के नेताओं ने चुनाव में साथ मिलकर लड़ने का निर्णय किया लेकिन यह ऐसा कुछ नहीं है जिस पर दोनों पार्टियों के नेता बूथ स्तर पर सहमत हों जो पूर्व में एकदूसरे के खिलाफ लड़ते रहे हैं.


ऐसे में जब गठबंधन कई महत्वपूर्ण सीटों पर मुश्किल का सामना कर रहा है, विशेष तौर पर मैसुरू क्षेत्र में क्योंकि कांग्रेस कार्यकर्ता जदएस के साथ हुए सीट बंटवारे की व्यवस्था को लेकर नाखुश हैं, कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कल रात पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ एक बैठक की थी.


बैठक में उप मुख्यमंत्री जी परमेश्वर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव और पार्टी से मंत्री शमिल थे. उक्त बैठक में वेणुगोपाल ने असंतोष समाप्त करने की जिम्मेदारी जिला प्रभारी मंत्रियों को दी और गठबंधन उम्मीदवारों के खिलाफ कार्य करने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी. गठबंधन तुमकुर, मांड्या और हासन सहित कई स्थानों पर नाराजगी का सामना कर रहा है क्योंकि पार्टी कार्यकर्ता सीट बंटवारे की व्यवस्था को लेकर नाखुश हैं.


तुमकुर से कांग्रेस के वर्तमान सांसद एस पी मुदहनुमेगौड़ा ने एक बागी के तौर पर नामांकन पत्र दाखिल किया था क्योंकि वह पार्टी से टिकट नहीं मिलने से नाराज थे, हालांकि उन्होंने शुक्रवार को अपना नाम वापस ले लिया. इसके बावजूद वहां पर पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा को समर्थन करने को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में अभी भी अनिश्चितता है. देवेगौड़ा इस सीट से सत्ताधारी गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार हैं.