Veer Savarkar College: बीजेपी ने इसे एक बड़ा और जरूरी काम बताया है तो वहीं कांग्रेस नेताओं ने पलटवार किया है. दिल्ली विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर ने कहा कि यह दिल्ली विश्वविद्यालय के लिए एक ऐतिहासिक और गर्व का दिन है. उधर कांग्रेस ने तंज कस दिया है.
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Delhi University New Campus: देश में एक बार फिर वीर सावरकर पर डिबेट छिड़ गई है. इसका कारण है कि वीर सावरकार के नाम से दिल्ली विश्वविद्यालय के एक कॉलेज का नाम रखा जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के दो नए पूर्वी और पश्चिमी दिल्ली परिसरों के साथ-साथ वीर सावरकर के नाम पर एक कॉलेज की नींव रखेंगे. इसको लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. बीजेपी ने इसे एक बड़ा और जरूरी काम बताया है तो वहीं कांग्रेस नेताओं ने पलटवार किया है. दिल्ली विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि यह दिल्ली विश्वविद्यालय के लिए एक ऐतिहासिक और गर्व का दिन है. उधर कांग्रेस प्रवक्ता ने 11 साल का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर तंज कस दिया है.
दरअसल, वीर सावरकर के नाम पर डीयू कॉलेज का नाम रखने पर कांग्रेस प्रवक्ता आलोक शर्मा ने आरोप लगाया कि बीजेपी फीता काटने की राजनीति बहुत करती है. महत्वपूर्ण यह नहीं है कि वो इंस्टीट्यूट किसके नाम पर बना रहे हैं. पिछले 11 साल में उन्होंने सावरकर के नाम पर कोई योजना नहीं शुरू की. सावरकर का अंग्रेजों के साथ क्या रिश्ता था इसको पूरा देश जानता है. वो एक नहीं 50 यूनिवर्सिटी बनाएं, बच्चे पढ़ने के लिए बाहर जाते हैं.
इतना ही नहीं कांग्रेस की छात्र शाखा एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने तो यह मांग कर दी कि इस नए कॉलेज परिसर का नाम दिवंगत पीएम मनमोहन सिंह के नाम पर रखा जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा की उनकी शैक्षणिक यात्रा और राष्ट्र के लिए योगदान के लिए एक श्रद्धांजलि होगी. पहले भी राहुल गांधी समेत कई नेता वीर सावरकर को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साध चुके हैं. इसी कड़ी में अब डीयू कॉलेज को लेकर भी रार छिड़ी हुई है.
उधर दिल्ली विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. योगेश सिंह ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में एक नया आयाम जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है. उन्होंने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय के लिए यह गर्व की बात है कि शुक्रवार को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली विश्वविद्यालय के लिए तीन महत्वपूर्ण परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे. पहली परियोजना ईस्ट दिल्ली कैंपस की है, जो ईस्ट दिल्ली में बनेगा, दूसरी परियोजना वेस्ट दिल्ली कैंपस की है, और तीसरी परियोजना सावरकर कॉलेज की है, जो रोशनपुरा, नजफगढ़ में बनेगा.
वाइस चांसलर ने यह भी कहा कि भारत सरकार की योजना है कि शिक्षा के क्षेत्र में विस्तार हो, अच्छी शिक्षा सभी को उपलब्ध हो. ऐसी योजनाओं में दिल्ली विश्वविद्यालय अग्रणी भूमिका निभा रहा है, और हम अतिरिक्त सुविधाओं और बुनियादी ढांचे का विकास करने की कोशिश करेंगे. ये परियोजनाएं अगले डेढ़ से दो साल में तैयार हो जाएंगी. इसके लिए मैं भारत सरकार का आभार व्यक्त करना चाहता हूं कि उन्होंने इन परियोजनाओं को शुरू करने के लिए लगभग छह सौ करोड़ रुपये की राशि दी है, इससे हम इन कार्यों को पूरा कर पा रहे हैं.
उन्होंने यह भी बताया कि भारत सरकार का उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में विस्तार करना और सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना है. विश्वविद्यालय इन लक्ष्यों को हासिल करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है. इन परियोजनाओं के अगले डेढ़ से दो वर्षों में पूरा होने की उम्मीद है. इसके लिए भारत सरकार ने करीब 600 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की है. वाइस चांसलर ने इस सहायता के लिए सरकार का आभार जताया.