नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 71वें संविधान दिवस (PM Narendra Modi on Constitution Day) के कार्यक्रम को संसद के सेंट्रल हॉल में संबोधित करते हुए बिना नाम लिए विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधा और कहा कि राजनीति की वजह से देशहित पीछे छूट गया है. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया था और इसमें शामिल नहीं हुए थे. अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा (Anand Sharma) ने सफाई दी है और सरकार के सामने कुछ सवाल रखे हैं.


विपक्ष को सम्मान नहीं दिए जाने का आरोप


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

संविधान दिवस (Constitution Day) के कार्यक्रम में शामिल नहीं होने पर बोलते हुए कांग्रेस नेता आनंद शर्मा (Anand Sharma) ने कहा, 'एक संसदीय प्रजातंत्र के अंदर प्रतिपक्ष की भूमिका अहम रहती है और देश के संविधान में ये बात स्पष्ट है कि सत्ताधारी दल के साथ प्रतिपक्ष अनिवार्य है. दो साल पहले भी यहीं विषय उठा था और एक सरकारी कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें विपक्ष की कोई भूमिका नहीं थी. हमारी ऐसी अपेक्षा थी कि उस दिन विपक्ष ने प्रोटेस्ट किया, उससे सरकार भविष्य सचेत हो जाएगी और विपक्ष को ऐसे अवसर पर सम्मान देगी.'


उन्होंने कहा, 'हम संविधान और महामहिम राष्ट्रपति जी का सम्मान करते हुए ये बात स्पष्ट करना चाहते हैं कि विपक्ष या नेता प्रतिपक्ष, विपक्षी दलों की नेताओं की संविधान दिवस के कार्यक्रम के आयोजन में शामिल ना किया जाना. केवल एक औपचारिक निमंत्रण, वो भी समारोह के अंदर बैठने के लिए स्वीकार्य नहीं है.'


कांग्रेस का सरकार से सवाल


आनंद शर्मा (Anand Sharma) ने कहा, 'माननीय प्रधानमंत्री जी और बीजेपी के नेतृत्व की इस विषय पर विपक्ष की आलोचना सही नहीं है. उसका कोई औचित्य नहीं है. सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि किस तरह देश का शासन और प्रशासन चल रहा है. ये सरकार कोई मौका नहीं छोड़ती, जब संविधान और संविधान की परंपराओं को दबाकर निर्णय ना लिए जाएं.'



अधीर रंजन चौधरी ने बताया पार्टी का प्रोग्राम


केंद्र सरकार द्वारा संविधान दिवस मनाए जाने पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) ने कहा, 'इन्होंने आजदी के लिए क्या किया? अंग्रेजी हुकूमत की मदद की थी, जिससे आजाद हिंदुस्तान न बन पाए. आज उन्हीं के द्वारा अंबेडकर की बात सुनी जा रही है. यह भूत के मुंह से राम का नाम अच्छा नहीं लगता.' उन्होंने कहा, 'संविधान दिवस का ये कार्यक्रम सरकार का कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक पार्टी का प्रोग्राम था, इसलिए हम शामिल हुए.'



देशहित पर राजनीति हावी: पीएम मोदी


कार्यक्रम में मोदी ने कहा था, 'संविधान बनाते वक्त देशहित सबसे ऊपर था. अनेक बोलियों, पंथ और राजे-रजवाड़ों को संविधान के जरिए एक बंधन में बांधा गया. इसका मकसद था कि ऐसा करके देश को आगे बढ़ाया जाए. आज शायद हम संविधान का एक पेज भी पूरा न लिख पाते, क्योंकि राजनीति के चलते नेशन फर्स्ट और देशहित पीछे छूट जाता है.'


परिवारवाद पर पीएम मोदी का निशाना


पीएम मोदी ने कहा, 'देश में कश्मीर से कन्याकुमारी तक जाइए. भारत एक संकट की तरफ बढ़ रहा है और वो है पारिवारिक पार्टियां. पार्टी फॉर द फैमिली, पार्टी बाई द फैमिली और अब आगे कहने की जरूरत नहीं लगती है. ये लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है. संविधान हमें जो कहता है, यह उसके विपरीत है. जब मैं कहता हूं कि पारिवारिक पार्टियां, तो मैं ये नहीं कहता कि परिवार के एक से ज्यादा लोग राजनीति में न आएं. योग्यता के आधार पर और जनता के आशीर्वाद से आएं. जो पार्टी पीढ़ी दर पीढ़ी एक ही परिवार चलाता रहे, वो लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा संकट होता है.'


लाइव टीवी