देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के बाद मामले की उच्च स्तरीय जांच चल रही है लेकिन विपक्षी दल कांग्रेस प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर नहीं है. पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक को लेकर ऐसा विवादित बयान दिया है जो कांग्रेस की मानसिकता को समझने के लिए काफी है.


'देर होने पर क्या बम फूट पड़ता'


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हरीश रावत से जब पीएम मोदी की सुरक्षा को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'आधा घंटा अगर विलंब हो जाता तो क्या बम फूट पड़ता, गजब हो जाता.' उन्होंने कहा कि बीजेपी इस मामले में सियासत कर रही है. रावत ने कहा कि सुरक्षा में चूक हुई है लेकिन पीएम ने जब अपना कार्यक्रम बदला तो राज्य सरकार को सूचित करना चाहिए था. यह केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की भी नाकामी है.


हरीश रावत ने बाद में अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि अगर रूट क्लियर करने के लिए आधा घंटा रुकना पड़ता तो क्या बम फट जाता. रावत ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियां रूट को क्लियर करती हैं और इसके लिए इंतजार भी किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक जरूर हुई है लेकिन गलती सिर्फ राज्य सरकार की नहीं है बल्कि केंद्रीय एजेंसियां भी इसके लिए जिम्मेदार हैं.



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'राज्य के साथ केंद्र भी जिम्मेदार'


उन्होंने कहा कि जिस इलाके में यह घटना हुई वह पूरा इलाका हाल के नियमों के मुताबिक BSF के अधिकार क्षेत्र में आता है. उन्होंने कहा कि SSP को सस्पेंड किया गया है और राज्य सरकार अपने स्तर से जांच कर रही है क्योंकि सुरक्षा राज्य की जिम्मेदारी है. लेकिन प्रधानमंत्री SPG के कवर में रहते हैं और उनकी सुरक्षा का जिम्मा केंद्रीय एजेंसी ही लेती हैं. 


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