नई दिल्ली: नेशनल हेराल्ड केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है. इस सिलिसले में आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल (Pawan Bansal) की ईडी दफ्तर में पेशी हुई. उन्हें केंद्रीय एजेंसी ने पूछताछ के लिए समन भेजा था. इसके पहले ईडी ने सोमवार को कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से भी पूछताछ की थी.


ईडी दफ्तर में पहुंचे बंसल


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आपको बता दें कि नेशनल हेराल्ड में मामले में कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं को आरोपी बनाया गया है. मामले में केंद्रीय एजेंसी की जांच तेजी से बढ़ रही है. 



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बता दें कि वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पवन कुमार बंसल, एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और कांग्रेस पार्टी के अंतरिम कोषाध्यक्ष हैं. अब इस मामले में यंग इंडियन के अन्य प्रमोटरों को जल्द ही ईडी को तलब करने की उम्मीद है. 


क्या है नेशनल हेराल्ड मामला?


1956 में एसोसिएटेड जर्नल को अव्यवसायिक कंपनी के रूप में स्थापित किया गया और कंपनी एक्ट धारा 25 के अंतर्गत इसे कर मुक्त कर दिया गया था. लेकिन 2008 में 'AJAL' के सभी प्रकाशनों को निलंबित कर दिया गया और कंपनी पर 90 करोड़ रुपए का कर्ज भी चढ़ गया. इसके बाद कांग्रेस नेतृत्व ने 'यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड' (Young India Pvt Ltd) नाम की एक नई अव्यवसायिक कंपनी बनाई जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित मोतीलाल वोरा, सुमन दुबे, ऑस्कर फर्नांडिस और सैम पित्रोदा को निदेशक बनाया गया.


धोखाधड़ी का लगा था आरोप


नई कंपनी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास 76 प्रतिशत शेयर थे जबकि बाकी के 24 प्रतिशत शेयर अन्य निदेशकों के पास थे. इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने इस कंपनी को 90 करोड़ रुपए बतौर कर्ज दिया और बाद में इस कंपनी ने 'एजेएल' का अधिग्रहण कर लिया. बाद में इस मामले में सुब्रमण्यम स्वामी ने एक याचिका दायर कर कांग्रेस के नेताओं पर 'धोखाधड़ी' का आरोप लगाया था. उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि 'यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड' ने सिर्फ 50 लाख रुपयों में 90.25 करोड़ रुपए वसूलने का तरीका निकाला जो 'नियमों के खिलाफ' है.  


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