China Stapled Visa Policy: नत्थी वीजा जारी करना भूल जाएगा चीन, अगर भारत ने अपना लिया ये फॉर्मूला; शशि थरूर ने बताया प्लान
China Stapled Visa Policy to India: क्या चीन की स्टैपल वीजा वाली चालबाजी पर अब भारत को भी करारा जवाब देने का वक्त आ गया है. कांग्रेस नेता शशि थरूर ने सरकार को एक ऐसा उपाय सुझाया है, जिसे अगर सरकार ने अपना लिया तो ड्रैगन बिलबिला जाएगा.
Shashi Tharoor Statement on China Stapled Visa Policy: वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में भाग लेने के लिए चीन जा रहे अरुणाचल प्रदेश के 3 वुशु खिलाड़ियों को चीन ने नत्थी वीजा जारी किया. चीन की हरकत पर आपत्ति जताते हुए भारत ने अपनी 11 खिलाड़ियों वाली पूरी टीम का चीन दौरा रद्द कर दिया. अब इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी चीन के रवैये पर कड़ी नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि चीन सुधरने वाला नहीं है, इसलिए अब भारत को भी ड्रैगन को जैसे को तैसा वाले अंदाज में जवाब देना चाहिए.
'बस अब बहुत हुआ, भारत दे करारा जवाब'
थरूर (Shashi Tharoor) ने ट्वीट कर लिखा- बस अब बहुत हो गया. चीनी वीजा चाहने वाले हर दूसरे अरुणाचलवासी को निराश करने की बजाय हमें भी अब चीन (China Stapled Visa Policy to India) को जैसे को तैसे जवाब देना चाहिए. हमें भी अब तिब्बत से भारतीय वीजा चाहने वाले व्यक्तियों को नत्थी वीजा जारी करना शुरू कर देना चाहिए. हमें चीन को यह भी स्पष्ट कर देना चाहिए कि जब तक भारत और तिब्बत के बीच विवादित सीमा का समाधान नहीं हो जाता, तब तक हम ऐसा करना जारी रखेंगे.'
'भारत रखता है जवाब देने का अधिकार'
शशि थरूर (Shashi Tharoor) से पहले भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी चीन को करारा जवाब दिया था. भारत ने चीन के रवैये को अस्वीकार्य बताते हुए कहा था कि वह भी इस तरह के कदमों पर उचित प्रतिक्रिया देने का अधिकार सुरक्षित रखता है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने नियमित प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि भारत इस मामले में चीन को अपना कड़ा विरोध दर्ज करवा चुका है. वह चीन को बता चुका है कि भारतीय नागरिकों को जारी होने वाले वीजा (China Stapled Visa Policy to India) में जातीयता या अधिवास के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए.
आखिर क्या है चीन की चाल?
चीन (China) भारत के दो प्रदेशों जम्मू- कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश के निवासियों को नत्थी वीजा (China Stapled Visa Policy to India) जारी करता है. ऐसा करके वह इन दोनों राज्यों की स्थिति को दुनिया में विवादित बनाना चाहता है. चीन तिब्बत पर 76 साल पहले ही कब्जा कर चुका है और अब उसका कहना है कि अरुणाचल प्रदेश भी तिब्बत का हिस्सा है, इसलिए वह भी उसका हुआ. वहीं जम्मू कश्मीर के नागरिकों को वह पाकिस्तान को खुश करने के लिए स्टेपल वीजा जारी करता है.