Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव से पहले बिदकने लगे गठबंधन के साथी, अब `कील-कांटे` कैसे दुरुस्त करेगी कांग्रेस?
Congress on India Alliance: पीएम मोदी की लीडरशिप में तेजी से आगे बढ़ रही बीजेपी को रोकने के लिए कांग्रेस एक बार फिर `INDIA` गठबंधन को मजबूत करने में जुट गई है. हालांकि ऐसा करना उसके लिए आसान नहीं रहने वाला है.
India Alliance on Lok Sabha Elections 2024: देश के 5 राज्यों में असेंबली चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद विपक्षी 'INDIA' गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. गठबंधन में शामिल दल कहने के लिए तो एकजुट हैं लेकिन उनमें अंदरखाने पाले खिंचे हुए हैं. इसे लेकर कांग्रेस में भी चिंता बढ़ी हुई है. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक जल्द ही गठबंधन की अहम बैठक होगी, जिसमें लोकसभा चुनाव के लिए विभिन्न राज्यों में सीट शेयरिंग के फॉर्मूले पर चर्चा होगी. हालांकि उसमें गठबंधन के संयोजक पद पर फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया जाएगा.
संयोजक नहीं, तालमेल बढ़ाने पर होगा फोकस
कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक फिलहाल 'INDIA' गठबंधन का मेन फोकस आपसी तालमेल बढ़ाने पर होगा. जबकि गठबंधन का मुख्य चेहरा यानी संयोजक बाद में तय किया जाएगा. माना जा रहा है कि गठबंधन की जल्द होने वाली बैठक काफी हंगामेदार हो सकती है. इसमें कई विपक्षी पार्टियां कांग्रेस पर अपनी भड़ास निकाल सकती हैं. इन पार्टियों का कहना है कि असेंबली चुनावों में कांग्रेस ने उनके साथ सम्मानजनक तरीके से सीट शेयर करने से इनकार कर दिया, जबकि अब लोकसभा चुनाव में वह उनसे सपोर्ट मांग रही है.
टीएमसी और वाम दलों में खिंची तलवारें
देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के लिए बड़ी दुविधा पश्चिम बंगाल में भी आने वाली है. 'INDIA' गठबंधन में शामिल होने के बावजूद टीएमसी और वामदलों ने एक साथ मिलकर चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया. इन पार्टियों का मेन बेस पश्चिम बंगाल है और दोनों दल अतीत में एक-दूसरे के प्रखर विरोधी रहे हैं. ऐसे में उन्हें डर है कि अगर लोकसभा चुनाव में वे एक साथ मिलकर लड़े तो उनका पूरा बेस खिसक जाएगा. दोनों दलों के इस टकराव को देखते हुए कांग्रेस को पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ने के लिए किसी एक दल का चुनाव करना पड़ेगा.
धीरज साहू पर क्या बोली कांग्रेस?
ओडिशा से पार्टी के राज्यसभा सांसद धीरज साहू के ठिकानों पर 4 दिनों तक चली इनकम टैक्स की छापेमारी से भी कांग्रेस को बचाव में कुछ नहीं सूझ रहा है. साहू के ठिकानों से विभाग को 290 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई है. इसे साहू का काला धन कहा जा रहा है, जिसे उन्होंने विभिन्न ठिकानों पर छिपाकर रखा था. धीरज साहू राजनेता के साथ-साथ शराब के बड़े व्यापारी भी हैं. उनका 3-4 राज्यों में शराब का बड़ा कारोबार है. कांग्रेस का कहना है कि धीरज साहू के ठिकानों पर हुई रेड से पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है. हालांकि पार्टी उनसे यह जरूर पूछेगी कि आयकर विभाग की यह छापेमारी क्यों हुई.