लखनऊ: उन्नाव के बलात्कार कांड की पीड़िता की मां कांग्रेस उम्मीदवार आशा सिंह सदर विधान सभा सीट पर अपनी जमानत बचा पाने में नाकामयाब रहीं और उन्हें केवल 1544 वोट मिले. आशा सिंह को इस विधान सभा में कांग्रेस ने उन्नाव की सदर सीट से चुनाव लड़ाया था. 


फेल हुआ कांग्रेस का महिला थीम


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आशा सिंह की बेटी के साथ भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने बलात्कार किया था. इस चुनाव को कांग्रेस पार्टी ने काफी गंभीरता से लिया था और 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' थीम पर लड़ा. 


जमानत भी नहीं बचा पाईं रेप पीड़िता की मां


गुरुवार को आए चुनाव परिणाम में कांग्रेस उम्मीदवार आशा सिंह को केवल 1554 वोट मिले. इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पंकज गुप्ता एक लाख 26 हजार से अधिक वोट पाकर विजयी घोषित हुए. समाजवादी पार्टी के अभिनव कुमार 94 हजार वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे. चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी आशा सिंह ने कहा था , ‘जैसा मेरी बेटी के साथ हुआ ऐसा किसी और के साथ न हो. मेरा चुनाव लड़ने का उददेश्य सत्ता सुख पाना नहीं है बल्कि हर ऐसी पीड़ित बेटी-बहन की आवाज उठा कर उसे इंसाफ दिलाना हैं जिसके साथ कुछ गलत हुआ हो.’ 


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'प्रियंका दीदी ने समझा दर्द' 


मां के चुनाव प्रचार में लगी बलात्कार पीड़िता ने कहा था, ‘हमारा दर्द प्रियंका दीदी (कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा) ने समझा और राजनीति में आने का मौका देते हुए कहा कि अब और बेटियों के साथ यह न हों इसलिए उन्होंने मेरी मां को मैदान में उतारा.’ 


किशोरी ने लगाया रेप का आरोप


गौरतलब है कि 4 जून 2017 को उन्नाव के बांगरमऊ से भारतीय जनता पार्टी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से मिलने के लिए उनके घर के करीब रहने वाली एक किशोरी एक महिला के साथ को नौकरी मांगने के लिए पहुंची थी. अचानक एक दिन उस किशोरी ने खुलासा किया कि विधायक ने उसके साथ बलात्कार किया था. इस मामलें में अदालत के आदेश के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया. 


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कोर्ट ने सेंगर को सुनाई उम्र कैद की सजा


इसके बाद भी परिवार को धमकाया जाता रहा लेकिन पीड़िता ने इंसाफ की आस नहीं छोड़ी. मामला जब तूल पकड़ने लगा तो अप्रैल 2018 में जांच सीबीआई के हवाले कर दी गई. इस बीच मामला बढ़ने पर भारतीय जनता पार्टी ने सेंगर को पार्टी से निकाल दिया. 19 दिसंबर 2019 को दिल्ली की तीस हजारी अदालत कुलदीप सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई गई. 


सेंगर के बाद भी भाजपा पर ही रही सीट


सेंगर के दोषी पाए जाने के बाद उत्तर प्रदेश विधान सभा ने उनकी विधान सभा की सदस्यता रदद कर दी और बांगरमऊ विधान सभा सीट रिक्त घोषित कर दी थी. नवंबर 2020 में बांगरमऊ सीट पर उपचुनाव हुआ और भारतीय जनता पार्टी के श्रीकांत कटियार ने यह चुनाव जीता और भाजपा ने अपनी इस सीट पर कब्जा कायम रखा.


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