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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पहले योगी बाबा के नाम से जाना जाता था और इस बार के चुनाव आते-आते उनका नाम बुलडोजर रख दिया गया. हालांकि विपक्षियों ने उन्हें चिलमबाज बाबा का नाम भी दिया. लेकिन फिर भी उनका बुलडोजर वाला रूप खूब चर्चित हुआ. चुनाव प्रचार की रैलियां हों या 10 मार्च को नतीजे आने के बाद का नजारा, UP में बुलडोजर पर खासा जोर रहा.
बीजेपी कार्यकर्ताओं के जश्न में इस बार सबसे ज्यादा लोकप्रिय है बुलडोजर (Bulldozer). नतीजे आने के बाद से ही ऐसी तस्वीरें आ रही हैं कि सीएम योगी के समर्थक बुलडोजर के साथ जश्न मना रहे हैं और सोशल मीडिया पर तो बुलडोजर के पोस्ट की काफी भरमार है. कोई इस जीत को ‘बुलडोजर की वापसी’ बता रहा है तो कोई इसे ‘बुलडोजर से सफाई’ कह रहा है.
ऐसे में कई लोग इस जीत का आनंद तो ले रहे हैं लेकिन इस बात से अंजान हैं कि आखिर चुनाव में बुलडोजर चर्चा में क्यों है और जीत के बाद लोग बुलडोजर को इतना भाव क्यों दे रहे हैं. आइए आपको बताते हैं कि आखिर UP चुनाव में बुलडोजर की एंट्री कैसे हुई और किस तरह से इसे योगी आदित्यनाथ के कैंपेन में भी जोड़ा गया. योगी की रैलियों में तो कई बार बुलडोजर खड़े भी देखे गए.
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यूपी चुनाव में बुलडोजर भारतीय जनता पार्टी का प्रचार करने का जरिया बन गया था. ‘यूपी की मजबूरी है, बुलडोजर जरूरी है’ जैसे नारे भी काफी शेयर किए जा रहे थे और बीजेपी की चुनावी रैलियों में बुलडोजर्स का खास स्थान था, जिस पर ‘बाबा का बुलडोजर’ जैसे स्लोगन भी लिखे होते थे. साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी ‘बुलडोजर बाबा’ कहा जाने लगा और यह चुनाव में बीजेपी के प्रचार के रूप में इस्तेमाल होने लगा. वैसे बुलडोजर चीज है ही ऐसी, जहां भी कार्रवाई करता है तो लोग इसे देखना शुरू कर देते हैं और इस चुनाव में भी जब बुलडोजर ने एंट्री की तो सभी का ध्यान इधर आकर्षित हो गया.
दरअसल अखिलेश ने 25 फरवरी को एक सभा की थी. इसमें उन्होंने योगी को बुलडोजर बाबा कहा था. हालांकि, योगी अक्सर कहते हैं कि बुलडोजर यूपी के लोगों के लिए विकास का प्रतीक है.
योगी का बुलडोजर अब एक ब्रांड है. यह सड़कों और इमारतों के निर्माण के लिए इस्तेमाल होता है. साथ ही अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने के लिए भी इस्तेमाल किया जा रहा है. पड़ताल के मुताबिक योगी अपने हर इंटरव्यू में, हर सभा में, डोर-टू-डोर कैंपेन में इसकी चर्चा जरूर करते थे. योगी के करीबियों की मानें तो उन्हें बाबा से ज्यादा बुलडोजर बाबा कहलाना पसंद आ रहा था.
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2017 में सपा को हराकर जब भाजपा सत्ता में आई, तो योगी ने CM की शपथ लेते ही एंटी-भू माफिया टास्क फोर्स का गठन किया. टास्क फोर्स ने अवैध रूप से हथियाई गई 64000 हेक्टेयर भूमि को खाली कराने और 2000 अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के लिए बुलडोजर का खूब प्रयोग किया.
आपको याद होगा कि योगी आदित्यनाथ का एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें वो हेलिकॉप्टर में बैठे हुए थे और बुलडोजर के बारे में बात कर रहे थे. उस वक्त उनकी रैलियों में कई बुलडोजर खड़े दिखाई दे रहे थे.
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