नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने मांग कि है कि पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू कर देना चाहिए. अधीर ने कहा कि जांच के डर से ममता बनर्जी डर गई हैं. रजंन ने आगे बताया कि चिटफंड घोटाले में टीएमसी के कई सारे नेता जुड़े हैं. जिससे घबराकर ममता बनर्जी धरने पर बैठी हैं.


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कांग्रेस का आरोप है कि जब पंचायत चुनाव में लोग मारे जा रहे थे तब ममता बनर्जी कहां थी. गौरतलब है कि अधीर रंजन चौधरी पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के जुझारू और जमीनी नेता के तौर पर जाने जाते हैं. 1999 से लगातार 4 बार से वो बहरामपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीतते आ रहे हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अधीर रंजन चौधरी को पश्चिम बंगाल कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था. रंजन चौधरी UPA 2 में केन्द्र सरकार में रेल राज्यमंत्री भी रह चुके हैं. 



कोलकाता में राजनीतिक उबाल
आपको बता दें कि इससे पहले पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ करने पहुंची केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) टीम के 5 सदस्यों को राज्य पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. जिसके बाद बंगाल में एक नया राजनैतिक संकट पैदा हो गया है.



बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस सीधे तौर पर आमने-सामने आ गए हैं. उधर बीजेपी के केंद्रीय राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा, ''एक भ्रष्ट सीएम ममता बनर्जी की इस 'दुष्ट सरकार को नियंत्रित करने के लिए पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए. अपने भ्रष्ट और बिगड़े हुए साथियों को बचाने के लिए ममता ने एक संवैधानिक संकट पैदा कर दिया है.''


लोकतंत्र खत्म
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने ममता बनर्जी सरकार पर हमला करते हुए कहा, ''पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र खत्म हो गया है. सीबीआई, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जांच कर रही थी, लेकिन उसे इसकी अनुमति नहीं दी गई. सीबीआई अधिकारियों को हिरासत में लिया गया, आजादी के बाद ऐसा पहली बार हुआ है. हम इसकी निंदा करते हैं.''