देश में कोरोना संक्रमण के मामले हुए 16,116, अब तक 519 की मौत: स्वास्थ्य मंत्रालय
देश में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 16,116 हो गई है. 519 लोगों की वायरस की चपेट में आकर मौत हो गई है.
नई दिल्ली: देश में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 16,116 हो गई है. 519 लोगों की वायरस की चपेट में आकर मौत हो गई है. वहीं 2302 लोग अब तक ठीक भी हुए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में 1,324 मामले सामने आए हैं. वहीं 27 लोगों की मौत हुई है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में कोरोना संक्रमण के पिछले 24 घंटों में 1,324 नए मामले सामने आने और 27 मरीजों की मौत होने की रविवार को जानकारी दी है. स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि देश में कोरोना संक्रमण के कुल मामले 16116 हो गए हैं और इससे मरने वालों की संख्या 519 हो गई है.
केंद्र सरकार के मंत्रालयों की ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से लव अग्रवाल ने कहा कि जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल को कहा था, उन्हीं की घोषणा के मुताबिक आज आधी रात के बाद कल 20 अप्रैल से कुछ जिलों में रिलैक्सेशन दिया जाएगा.
कल का दिन देश के लिए ऐतिहासिक है सरकार की कोशिश है की ग्रामीण इलाकों में एक्टिविटीज को नॉरमेलसी की तरफ बढ़ाया जाए. लेकिन हमें बेहद सावधानी बरतने की की जरूरत है.
लव अग्रवाल ने बताया कि माहे (पुडुचेरी) और कोडागुगु (कर्नाटक) में पिछले 28 दिनों के दौरान कोई ताजा मामला सामने नहीं आया है. वहीं 23 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के 54 जिलों में से पिछले 14 दिनों के दौरान किसी मामले की सूचना नहीं मिली है.
यह एक बड़ी राहत भरी खबर है देश के लिए. इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि उन स्थानों के लिए जहां चयनात्मक छूट दी गई है, राज्यों और जिलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि मौजूदा लॉकडाउन उपायों का कड़ाई से अनुपालन किया जाए.
रोकथाम वाले इलाकों में किसी तरह की ढील नहीं दी जाएगी, कठोर नियंत्रण रखा जाएगा. सिर्फ आवश्यक सेवाओं की अनुमति दी जाएगी.
हॉटस्पॉट स्थान बड़े COVID 19 प्रकोप या क्लस्टर वाले क्षेत्र हैं. हॉटस्पॉट पर, स्थानीय प्रशासन द्वारा COVID 19 के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए नियंत्रण क्षेत्र और बफर जोन का सीमांकन किया जा सकता है. तमाम तरह के हालात देखकर स्थानीय प्रशासन इसका निर्णय करेगा.
गृह मंत्रालय की तरफ से पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मजदूरों को और वर्करों को बड़े पैमाने पर काम देने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं. राज्यों को उद्योगों के साथ-साथ मनरेगा के तहत भी मजदूरों को काम देने के लिए कार्य करना होगा. इसके साथ ही आवाजाही के लिए आज एक एसओपी जारी किया गया है.
किसको 20 अप्रैल से छूट मिलेगी किसको नहीं इसको लेकर केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया है कि पैसेंजर ट्रैफिक, शिक्षण संस्थान, औद्योगिक / वाणिज्यिक गतिविधियां (जब तक कि विशेष रूप से छूट न दी गई हो) सिनेमा हॉल, मॉल, सामाजिक और धार्मिक आयोजन, धार्मिक स्थल, टैक्सी और कैब एग्रीगेटर समेत यही तमाम चीजें 3 मई तक पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेंगी.
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि सबसे ध्यान रखने वाली बात यह है कि कंटेनमेंट जॉन में कोई भी ढील नहीं दी जाएगी वहां पर सिर्फ जरूरी सर्विसेज के लिए ही अनुमति होगी. रिलैक्सेशन जोन में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा. जहां रिलैक्सेशन दिया गया है वहां ध्यान रखना होगा कि कोई मामला न बढ़े नहीं तो इन इलाकों को भी कंटेनमेंट जॉन या रेड जोन में आगे शामिल कर सकते हैं. हमारा प्रयास है कि धीरे-धीरे नॉरमेलसी की तरफ बढें, लेकिन हमें ध्यान रखना होगा कि हमसे कोई गलती न हो. मास्क और फेस कवर एक बैरियर के रूप में काम करता है संक्रमण रोकने के लिए यह पहनना बेहद जरूरी है.
आईसीएमआर की तरफ से रमन आर गंगाखेड़कर ने कहा है कि रिसर्च के लिए वैज्ञानिकों की पांच अलग-अलग टीमें 5 अलग—अलग ग्रुप में काम कर रही हैं.
लव अग्रवाल ने कहा है कि देश के वह एरिया खासतौर से हॉटस्पॉट्स जहां संक्रमण के मामले ज्यादा आ रहे हैं या डबलिंग रेट में वहां पर संक्रमण है. हर जिला स्थानीय लेवल ऐसे हॉटस्पॉट्स को एनालाइज करता रहेगा और उस आधार पर कंटेनमेंट एरिया भी घोषित किया जा सकता है. इसके बाद तय होगा कि कहां छूट दी जा सकती है और कहां नहीं. इस बीच कल का दिन देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. सरकार की कोशिश है खासतौर से ग्रामीण भारत में एक्टिविटीज को शुरू किया जाए.
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