मुंबई: देश में कोरोना की स्थिति पर शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' (Saamna) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) और मोदी सरकार पर निशाना साधा गया है. सामना ने संपादकीय लेख 'जाग गए, क्या लाभ' में लिखा है कि राष्ट्रीय आपातकाल की स्थिति में हम तमाशबीन बनकर नहीं रह सकते हैं. ऐसा कहकर सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है.


'सुप्रीम कोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया'


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सामना (Saamna) में लिखा है कि देश में कोरोना की स्थिति गंभीर है. ऑक्सीजन, बेड, वैक्सीन की कमी चिंता का विषय है. देश में कोरोना की गंभीर स्थिति का स्वत संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की तैयारियों का जायजा लिया. सुप्रीम कोर्ट अंत में कहता है कि ‘हम मूकदर्शक नहीं बने रह सकते हैं.’ इसका मतलब ये है कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) निश्चित तौर पर कुछ करने वाला है? 


कोरोना की परिस्थिति को संभालने में केंद्र की मोदी सरकार पूरी तरह नाकाम सिद्ध हुई है. स्वास्थ्य संबंधी प्रणाली चरमरा गई है और देश में स्वास्थ्य संबंधी अराजकता फैल गई है. इसके लिए सिर्फ केंद्र सरकार जिम्मेदार है. इस पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मुहर लगाई है. कोर्ट की ओर से की गई टिप्पणी गंभीर है. इसके लिए बीजेपी के नेता किस-किस का इस्तीफा मांगने वाले हैं? 


'SC की चुप्पी से ही देश में संकट आया'


महाराष्ट्र के कोविड अस्पतालों में लगी आग को वजह बताकर बीजेपी के लोग राज्य सरकार से इस्तीफा मांगते हैं. वहीं उत्तर प्रदेश, दिल्ली सहित पूरे देश में श्मशान दहक रहे हैं. ऐसे में किसका इस्तीफा मांगना चाहिए, ये सर्वोच्च न्यायालय ने अप्रत्यक्ष रूप से बता दिया है. ये चाहे जो भी हो, सुप्रीम कोर्ट के अब तक मूकदर्शक बने रहने के कारण ही देश पर ये संकट आया है. 


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देश में मृत्यु का जैसा तांडव चल रहा है, वह अमानवीय घटना अर्थात सामाजिक अपराध है. इस अपराध के लिए किसके खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाए, यह भी ‘सचेत’ सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) को स्पष्ट करना चाहिए. कोरोना के हालात को सही ढंग से नहीं संभाला गया, ऐसा हंगामा करते हुए महाराष्ट्र सरकार को बर्खास्त करने की मांग बीजेपी के नेता कर रहे हैं. असल में यही फैसला सर्वोच्च न्यायालय केंद्र सरकार के लिए करे तो क्या होगा? इसका विचार भाजपा के नेताओं को करना चाहिए. 


'स्थितियां नियंत्रण के बाहर चली गई हैं'


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देश में परिस्थिति नियंत्रण के बाहर चली ही गई है. कोरोना के खिलाफ युद्ध में अब सेना को उतरना पड़ा है. रूस की वैक्सीन भी हिंदुस्थान में पहुंच रही है. पाकिस्तान जैसा देश भी हिंदुस्थान को स्वास्थ्य संबंधित सुविधा उपलब्ध कराने का इच्छुक है. मोदी सरकार को अब तो राजनीतिक द्वेष छोड़ना चाहिए और व्यापक राष्ट्रीय योजना बनाकर उसमें सभी दलों के नेताओं को शामिल करना चाहिए. सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने आंखें खोली, यह अच्छा है. अब केंद्र सरकार को भी आंखें खोलकर कदम आगे बढ़ाना चाहिए, यही सच है.