गाजियाबाद: कोरोना की जांच में लापरवाही की खबरों के बीच शालीमार गार्डन एक्सटेंशन में एक ऐसा ही मामला सामने आया. यहां एक बुजुर्ग महिला की अस्पताल में मौत हो गई और उसकी जांच का सैंपल लेने का मैसेज परिजनों को 19 दिन बाद आया. 


मौत के 19 दिन बाद आया सैंपल लेने का मैसेज


 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इतना ही नहीं पोर्टल पर उसी दिन महिला की निगेटिव रिपोर्ट दे दी गई. महिला के रिश्तेदारों के नाम पूछे गए और बताया गया कि उनकी भी जांच होगी. लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने सैंपल लिए बिना सभी की निगेटिव रिपोर्ट की जानकारी पोर्टल पर अपटेड कर दी.


महिला के परिवार के लोग हैदाराबाद, जम्मू, मुंबई और जयपुर में रहते हैं और किसी की भी जांच नहीं की गई थी. 


एक रिपोर्ट के मुताबिक, विनोद शाह शालीमार गार्डन सी ब्लाक में परिवार के साथ रहते हैं. 12 अप्रैल को पहले उनकी पत्नी किरण का निधन हुआ और उसके बाद उनकी 75 वर्षीय मां की भी तबीयत बिगड़ गई़.


विनोद शाह ने अपनी मां दुलारी को दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन उनकी तबीयत बिगड़ती चली गई और 23 अप्रैल को निधन हो गया. 



स्वास्थ्य विभाग का कोई कर्मचारी नहीं आया


विनोद शाह के मुताबिक, उनकी मां के निधन के 19 दिन बाद उनके पास फोन आया कि वह अपनी मां को घर से बाहर न जाने दें और आइसोलेशन में रखें. 


12 मई को उनके पास जांच का सैंपल लेने का मैसेज आया और दूसरी तरफ पोर्टल पर निगेटिव रिपोर्ट भी अपडेट कर दी गई. महिला की कोरोना जांच नहीं हुई थी.


स्वास्थ्य विभाग की इस लापरवाही से परिजनों में गुस्सा है. वहीं पड़ोसी भी ऐसी ही लापरवाही की बात कह रहे हैं. कई लोगों की जांच नहीं की गई और रिपोर्ट निगेटिव बता दी गई. स्वास्थ्य विभाग का कोई कर्मचारी इनके घर सैंपल लेने नहीं आया. 


लापरवाही की बात से इनकार


हालांकि मुख्य चिकित्साधिकारी एनके गुप्ता लापरवाही की बात से इनकार कर रहे हैं. उनका कहा है कि लाखों लोगों के सैंपल लिए जा रहे हैं. जांच में गड़बड़ी गलत मोबाइल नंबर की वजह से भी हो सकती है. वहीं रिपोर्ट तैयार करने में भी गलती हो सकती है. इसके लिए रिपोर्ट अपडेट करने वाले कर्मचारियों को हिदायत दे दी गई है.