Coronavirus 4th Wave: भारत में कोरोना (Coronavirus) के बढ़ते मामलों ने सबको चिंता में डाल दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा के दौरान कहा कि खतरा अभी टला नहीं है और सबको सावधान रहने की जरूरत है. इस बीच एक सर्वे की रिपोर्ट सामने आई है, जो कोरोना की चौथी लहर और देश के एक्सपर्ट्स पर लोगों के भरोसे के बारे में बताती है. 


3 में से 1 भारतीय को चौथी लहर शुरू होने का भरोसा 


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एक सर्वे में सवाल पूछा गया कि दुनिया के कई देशों में कोरोना (Coronavirus) के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. इंटरनेशनल फ्लाइट्स भी शुरू कर दी गई हैं और दिल्ली-एनसीआर में कोविड केस लगातार बढ़ रहे हैं. इन सब को ध्यान में रखते हुए लोगों को क्या लगता है कि भारत में कोरोना की चौथी लहर कब आएगी? करीब 11,563 लोगों ने इस सवाल का जवाब दिया. 


क्या अप्रैल में शुरू हो चुकी है चौथी लहर?


उनमें से 29% लोगों का मानना है कि 2022 में तो कोविड की चौथी लहर नहीं आने वाली. वहीं 4% का कहना था कि अगले 6 महीने में तो COVID की चौथी लहर नहीं आने वाली. जबकि 34% का मानना था कि अप्रैल में चौथी लहर शुरू हो चुकी है. कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि सर्वे में शामिल 3 भारतीयों में से 1 को लगता है कि कोविड-19 की चौथी लहर (Coronavirus Fourth Wave) शुरू हो चुकी है.


55% लोगों को भारतीय एक्सपर्ट्स पर भरोसा


सर्वे में लोगों से पूछा गया कि इस समय कोविड के 5-7 वेरिएंट पूरी दुनिया में मौजूद हैं. ऐसे में चौथी लहर (Coronavirus Fourth Wave) आने पर उन्हे भारत के एक्सपर्ट्स पर कितना भरोसा है कि वो स्थिति को संभाल पाएंगे? इस सवाल का जवाब 12,609 लोगों ने दिया. 55% नागरिकों ने कहा उन्हे भारत के एक्सपर्ट्स पर पूरा भरोसा है. 29% ने कहा कि कुछ हद तक भरोसा है. जबकि 8% ऐसे भी लोग थे, जिनका मानना था कि भारतीय एक्सपर्ट्स चौथी लहर को काबू करने के काबिल नहीं है. 


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रोजाना हालात अपडेट करने की मांग


सर्वे में शामिल लोगों से पूछा गया कि क्या केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को सभी जिलों के लिए रोजाना आने वाले कोविड केसिस की संख्या बताना जरूरी कर देना चाहिए. इस पर सर्वे में शामिल 12064 लोगों में से 83% लोगों ने हां में उत्तर दिया. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय को जिलों के लिए ये जरूरी कर देना चाहिए.


लोकल सर्किल के इस सर्वे में भारत के 341 जिलों के 36,000 लोग शामिल हुए. जवाब देने वालों में 41% लोग मेट्रो या टीयर-1 जिलों से थे. वहीं 33% लोग टीयर2 जिलों से और 26% ऐसे थे जो टीयर3 और टीयर4 या ग्रामीण जिलों से थे.


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