Coronavirus: महाराष्ट्र और पंजाब में सबसे ज्यादा केस आ रहे सामने, तोड़े पिछले रिकॉर्ड
महाराष्ट्र में 23 मार्च तक अंतिम सात दिनों में दैनिक नए मामलों की वृद्धि दर 3.6 प्रतिशत और पंजाब में 3.2 प्रतिशत दर्ज की गई. महाराष्ट्र में 31 मार्च से पहले के दो सप्ताह में 4,26,108 मामले सामने आए हैं.
नई दिल्ली: महाराष्ट्र और पंजाब देश के ऐसे दो राज्य हैं, जहां पिछले एक पखवाड़े से कोरोना वायरस संक्रमण के सर्वाधिक दैनिक मामले सामने आ रहे हैं. आधिकारिक दस्तावेजों से यह जानकारी मिली है. सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ कैबिनेट सचिव की बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा पेश किए गए दस्तावेजों में बताया गया कि ये दोनों राज्य उन पांच राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में शामिल हैं, जहां दैनिक मामलों की अपनी पुरानी चरम संख्या से भी अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. इन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में चंडीगढ़, छत्तीसगढ़ और गुजरात भी शामिल है.
11 राज्यों में हालात बेहद गंभीर
महाराष्ट्र में 23 मार्च तक अंतिम सात दिनों में दैनिक नए मामलों की वृद्धि दर 3.6 प्रतिशत और पंजाब में 3.2 प्रतिशत दर्ज की गई. महाराष्ट्र में 31 मार्च से पहले के दो सप्ताह में 4,26,108 मामले सामने आए हैं जबकि इसी अवधि में पंजाब में 35,754 मामले सामने आए हैं. वहीं इन दो सप्ताह में 31 मार्च तक देश में संक्रमण की वजह से मारे गए लोगों में से 60 फीसदी मरीजों की मौत महाराष्ट्र और पंजाब में ही हुई है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 11 राज्यों-महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक, केरल, छत्तीसगढ़, चंडीगढ़, गुजरात, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, दिल्ली और हरियाणा संक्रमण के नए मामलों और उच्च मृत्युदर के कारण 'गंभीर चिंताजनक' स्थिति वाले राज्यों में शामिल हैं. इन्हीं राज्यों से 14 दिनों में 31 मार्च तक कोविड-19 के 90 फीसदी मामले सामने आए हैं और 90.5 फीसदी लोगों की मौत हुई है.
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70 फीसदी टेस्ट RT-PCR के जरिए हो
खास तौर पर इन राज्यों से जांच बढ़ाने और संक्रमण दर पांच फीसदी या उससे नीचे सुनिश्चित करने को कहा गया है. राज्यों से 70 फीसदी जांच आरटी-पीसीआर माध्यम से करने तथा जांच के परिणाम जल्द से जल्द देने की सलाह दी गई है. वहीं मरीजों की मौत को रोकने के लिए राज्यों को सार्वजनिक एवं निजी स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं को और मजबूत करने की सलाह दी गई है. राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा गया है कि वे टीकाकरण के लिए पात्र लोगों का समय से 100 फीसदी टीकाकरण सुनिश्चित करें और टीके की पर्याप्त खुराक रखने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से समन्वय बनाए रखें.