नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) जैसे अदृश्य दुश्मन को कैसे हराया जाए, पूरी दुनिया इसी का जवाब ढूंढने में लगी है. अब तक दुनियाभर में 1 लाख 70 हजार से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई वैक्सीन कोई दवाई नहीं बन पाई है. लेकिन अब उम्मीद की एक किरण जरूर नजर आ रही है और ये वह है एक ऐसा ट्रीटमेंट, जो कोरोना पेशेंट्स को मौत के मुंह से बाहर लेकर आया है. ये है-स्टेम सेल थेरेपी (Stem Cell Therapy).


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

स्टेम सेल थेरेपी कोरोना वायरस के इलाज में मददगार साबित हो रही है. ये भी कहा जा रहा है कि ये थेरेपी इस वायरस के खिलाफ जंग में गेम चेंजर होगी. 


दरअसल, इजराइल में कोरोना मरीजों का इलाज इसी थेरेपी की मदद से किया गया है जबकि पहले सुधार के कोई लक्षण नहीं दिख रहे थे. इस थेरेपी की मदद से ही उनकी जान बचाई जा सकी है. 


इजराइल में बेहद गंभीर हालत में आईसीयू में एडमिट 7 कोरोना संक्रमित मरीजों का स्टेम सेल थेरेपी के जरिए इलाज किया गया, जिनमें से 4 मरीज ठीक होकर आईसीयू से बाहर आ चुके हैं. ये किसी चमत्कार से कम नहीं है क्योंकि इन मरीजों पर मौत का खतरा मंडरा रहा था, यह मरीज रेस्पिरेट्री फैलियर मल्टी सिस्टम ऑर्गन फेलियर हार्ट और किडनी फेलियर जैसी बेहद गंभीर समस्याओं से जूझ रहे थे.


लेकिन तभी डॉक्टरों ने फैसला किया कि इनका इलाज स्टेम सेल थेरेपी के जरिए किया जाएगा और उसके चौंकाने वाले नतीजे सामने आए. इजराइल का दावा है कि स्टेम सेल थेरेपी 100 फीसदी कारगर साबित हुई है. स्टेम सेल्स ट्रीटमेंट अब अमेरिका के न्यूजर्सी में भी शुरू हो गया है. हालांकि इसका नतीजा अभी तक सामने नहीं आया है.


क्या है स्टेम सेल थेरेपी
पल्मनेरी (आईसीयू एक्सपर्ट) सीनियर कंसल्टेंट, डॉ. आशीष जायसवाल कहते हैं कि स्टेम सेल थेरेपी एक इनोवेटिव ट्रीटमेंट है, ये ट्रीटमेंट आईसीयू में बेहद गंभीर हालत में भर्ती मरीजों के लिए संजीवनी साबित हो सकता है.


स्टेम सेल थेरेपी में placentas के जरिए स्मार्ट सेल ग्रो किए जाते हैं. ये सेल शरीर के अंदर जाकर उन्हीं कोशिकाओं का निर्माण करता है, जिनकी शरीर को जरूरत है. जैसे अगर किसी का लिवर खराब है तो लिवर ठीक हो जाता है या अगर किसी को bone marrow कैंसर है तो इस थेरेपी के जरिए कैंसर खत्म हो जाता है. स्टेम सेल अलग-अलग प्रोटीन बनाने की क्षमता रखता है और शरीर के अंदर जाने पर उसे जिस तरह के सिग्नल मिलते हैं वो वही सेल बनाना शुरू कर देता है.


कोरोना के खिलाफ कैसे कारगर है


इस ट्रीटमेंट में कोरोना संक्रमित मरीज को PLacental eXpanded सेल्स की 15ml की डोज दी जाती है जिसके बाद शरीर के अंदर स्मार्ट सेल्स की फैक्ट्री शुरू हो जाती है. कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत उनके शरीर के इम्यून सिस्टम का ओवरएक्टिव होने की वजह से होती है क्योंकि, वायरस को मारने के लिए इम्यून सिस्टम ओवरएक्टिव हो जाता है और फिर ये धीरे-धीरे अपने ही शरीर के एक-एक अंग को खत्म करने लगता है जिससे मल्टीपल सिस्टम फैलियर या मल्टीपल ऑर्गन फेलियर कहा जाता है. PLacental eXpanded सेल्स इम्यून सिस्टम के ओवर एक्टिवेशन को कम कर देते हैं.


तकनीक के जरिए सिर्फ एक placenta से 20,000 से ज्यादा लोगों का इलाज किया जा सकता है. स्टेम सेल ट्रीटमेंट अगर कुछ और कोरोना संक्रमित मरीजों पर कामयाब हो जाती है, तो यह पूरी दुनिया के लिए वरदान साबित होगी और कोरोना के खिलाफ जंग में डॉक्टरों के लिए बेहद मजबूत हथियार. हालांकि स्टेम सेल ट्रीटमेंट महंगा होता है तो एक बड़ी चुनौती ट्रीटमेंट पर आने वाले खर्च को कम करने की होगी.


LIVE TV