Maharashtra News: महाराष्ट्र में गाय बनी `राजमाता`, असेंबली चुनाव से पहले शिंदे सरकार ने लिया बड़ा फैसला
Maharashtra Cow Rajmata Status: महाराष्ट्र में अगले कुछ दिनों में असेंबली चुनावों की रणभेरी बजने वाली है. उससे पहले बड़ा फैसला करते हुए राज्य की एकनाथ शिंदे सरकार ने गायों का `राजमाता` का दर्जा दे दिया है.
Cow gets Rajmata status in Maharashtra: महाराष्ट्र में इस साल के आखिर में होने वाले असेंबली चुनाव से पहले राज्य की एकनाथ शिंदे सरकार ने बड़ा दांव चला है. शिंदे सरकार ने सोमवार को कैबिनेट बैठक करके गाय को राजमाता का दर्जा दे दिया. माना जा रहा है कि इस दांव के जरिए शिंदे सरकार हिंदुत्व की पिच पर चुनाव में उतरने जा रही है. अब यह दांव कितना काम करेगा, यह आने वाला वक्त बताएगा.
भारतीय संस्कृति में देसी गायों की स्थिति अहम
महाराष्ट्र सरकार की ओर से जारी बयान के अनुसार वैदिक काल से भारतीय संस्कृति में देशी गाय की स्थिति और , मानव आहार में उसके दूध की उपयोगिता बेहद अहम है. आयुर्वेद चिकित्सा, पंचगव्य उपचार पद्धति और जैविक कृषि प्रणालियों में गोबर- गोमूत्र का महत्वपूर्ण स्थान है. इसे ध्यान में रखते हुए देशी गायों को अब से "राज्यमाता गोमाता" घोषित करने की मंजूरी दी गई है.
गौशाला समितियों को दी जाएगी सब्सिडी
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में आज गौ संरक्षण से जुड़े कई फैसले लिए गए. इनमें देसी गायों को राजमाता का दर्जा देने के साथ ही उनके पालन के लिए 50 रुपये प्रतिदिन की सब्सिडी योजना लागू करने का निर्णय लिया गया. यह सब्सिडी प्रदेश में काम कर रही गौशाला समितियों को चारे की लागत में छूट के रूप में दी जाएगी.
योजना के लिए गोसेवा आयोग देगा धनराशि
सीएम दफ्तर के मुताबिक, चूंकि राज्य की गौशालाएं अपनी कम आय के कारण चारे के खर्चे को वहन नहीं कर पा रहीं, इसीलिए उन्हें मजबूत करने के लिए यह निर्णय लिया गया. मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार यह योजना महाराष्ट्र गोसेवा आयोग की ओर से ऑनलाइन लागू की जाएगी.
महाराष्ट्र में देसी गायों की गिरती संख्या से बढ़ी चिंता
गौशाला समितियों को दी जाने वाली इस सब्सिडी का प्रत्येक जिले में एक जिला गौशाला समिति सत्यापन करेगी. सीएमओ ने बताया कि 2019 में 20वीं पशुगणना के अनुसार देशी गायों की संख्या 46,13,632 ही पाई गई है और 19वीं जनगणना की तुलना में यह संख्या 20.69 प्रतिशत कम हुई है. लिहाजा इस प्रतिशत को बढ़ाने की कोशिश है.