Delhi Elections: शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस या आप के लिए प्रचार नहीं करेंगे क्योंकि पार्टी ने तटस्थ रुख अपनाया है. पार्टी सांसद संजय राउत ने यह जानकारी दी तो मुंबई से लेकर दिल्ली तक महाविकास अघाड़ी और इंडिया गठबंधन में टूट की अटकलें लगाई जाने लगीं. हालांकि संजय राउत ने सेफ साइड में जोर देकर कहा कि आप और कांग्रेस, दोनों ही निश्चित रूप से इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) के सदस्य तथा शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) के मित्र हैं.


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हम तटस्थ: शिवसेना उबाठा


जब उनसे पूछा गया कि क्या ठाकरे पांच फरवरी को होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियों में से किसी के लिए प्रचार करेंगे, तो उन्होंने कहा, 'हम कहीं (प्रचार के लिए) नहीं जा रहे हैं. हम तटस्थ हैं.'


दिल्ली में चुनावी मुकाबले के लिए बिसात बिछ गई है, समाजवादी पार्टी (सपा) और तृणमूल कांग्रेस ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) को अपना समर्थन दिया है. वहीं, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने भारतीय जनता पार्टी को अपना समर्थन दिया है. दिल्ली चुनाव में आप, भाजपा और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने की उम्मीद है. पिछले दो चुनावों में आप को भारी जीत मिली थी. एकनाथ शिंदे की अगुआई वाली शिवसेना ने प्रतिद्वंद्वी शिवसेना गुट पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उद्धव की पार्टी की विचारधारा खत्म हो गई है.


 विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में अब क्या बचा है: शिवसेना 


शिवसेना ने आश्चर्य जताया कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में अब क्या बचा है. शिवसेना प्रवक्ता शाइना एनसी ने कहा, “मैं इस भ्रम को समझ सकती हूं कि उन्हें नहीं पता कि वे कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं या ‘आप’ का. असलियत यह है कि वे किसका समर्थन कर रहे हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि वे दोनों ही तरह से हार रहे हैं.


दिल्ली चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और भाजपा की जीत तय है.' शिवसेना बिना शर्त समर्थन करने में खुश है क्योंकि धनुष और बाण हमेशा कमल के साथ खड़े रहे हैं. (भाषा)