Divya Kakran: `देश के लिए मेडल जीत लाई, दिल्ली सरकार का दिल नहीं जीत पाई,` दिव्या काकरान ने बताई आपबीती
Wrestler Divya Kakran: दिव्या ने कहा कि वह 2001 में दिल्ली आई थीं और 2006 में पहलवानी (Wrestling) शुरू की थी. वह ईस्ट दिल्ली के गोकुलपुरी इलाके में पिछले 20 साल से किराए के घर में रह रही हैं. वह बताती हैं कि हमनें दो से तीन घंटे बसों में खड़े रहकर सफर किया है.
Divya Kakran vs Delhi government: कॉमनवेल्थ गेम्स में कुश्ती में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर (Bronze medal winner in CWG) देश का नाम रोशन करने वाली बेटी दिव्या काकरान को आज अपने हक और सम्मान के लिए दिल्ली सरकार के साथ नूरा-कुश्ती करनी पड़ रही है. दिव्या को आज दिल्ली निवासी होने का सबूत देने पड़ रहा है और उन्हें अब सरकार से पैसा नहीं सम्मान चाहिए क्योंकि यूपी सरकार (UP government) ने इस बेटी को सम्मान दिया. उसे नौकरी देकर लक्ष्मी बाई पुरस्कार से समानित भी किया गया है. अब दिव्या का कहना है कि वह आने वाले दिनों में यूपी से खेलेंगी. दिव्या ने जी न्यूज से खास बातचीत कर पूरी कहानी बताई है.
दिव्या ने दिल्ली सरकार पर लगाए आरोप
दिव्या ने कहा कि वह 2001 में दिल्ली आई थीं और 2006 में पहलवानी शुरू की थी. वह ईस्ट दिल्ली के गोकुलपुरी इलाके में पिछले 20 साल से किराए के घर में रह रही हैं. वह बताती हैं कि हमनें दो से तीन घंटे बसों में खड़े रहकर सफर किया है. इसके बाद 2017 तक वह दिल्ली को 58 मैडल दे चुकी थीं. इसमें कई सारे गोल्ड और ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं. दिल्ली सरकार की ओर से उनके घर पर कोई नहीं आया. साथ ही दिल्ली सरकार की ओर से किसी ने नहीं पूछा कि एशियन गेम्स में मुझे अवॉर्ड मिला है. हालांकि वह कहती हैं कि इलाके से बीजेपी सांसद मनोज तिवारी की ओर से उन्हें 3 लाख की मदद मिली थी.
वह आगे कहती हैं कि दीपेंद्र हुड्डा ने ट्वीट कर कहा था कि सुशील कुमार, साइना नेहवाल को हरियाणा सरकार ने पैसे दिए जबकि सब दिल्ली में रहते हैं. साल 2017 में दिव्या खुद दिल्ली सरकार के पास मिलने गई थीं. फिर 2018 में उन्हें नियुक्ति मिली. दिव्या ने कहा कि मैं गांव से हूं खुद घर का खर्च चलाती हूं, मैंने कहा कि मुझे मदद कीजिये लेकिन सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कहा कि लिख कर दीजिए. मैंने यह भी किया लेकिन फिर भी उनकी ओर से कोई फोन-मेल नहीं आया. हम सब घर पर रोते थे कि प्रोत्साहन तक नहीं मिला. इसके बाद 2017 के आखिर से मैं यूपी की ओर से खेलने लगी.
यूपी सरकार से मिली मदद
दिव्या ने बताया कि मुझे यूपी से आजीवन 20 हजार रुपये पेंशन का प्रोत्साहन मिला है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार से मेरी कोई दुश्मनी नहीं है. लेकिन अगर वो बाकी खिलाड़ियों की मदद करते हैं तो मेरी मदद क्यों नहीं की. उन्होंने कहा कि मैं देश के लिए इतने मेडल लाई लेकिन दिल्ली सरकार का दिल नहीं जीत पाई. रेलवे से खेलती हूं लेकिन यूपी मेरी मदद कर रहा है. लेकिन ये लोग राजनीति कर रहे हैं. रेसलर दिव्या ने कहा कि दिल्ली सरकार से मुझे कोई प्रोत्साहन और सम्मान नहीं मिला. मुझे फोन तो आए लेकिन मदद के लिए कोई आगे नहीं आया. मैं नहीं कह रही कि यूपी और दिल्ली दोनों जगह से राशि मिले. लेकिन अगर मैं दिल्ली में रहती हूं तो खिलाड़ी के तौर पर पैसे मिलने चाहिए थे.
AAP ने दी सफाई
दिव्या काकरान के आरोपों का जवाब देते हुए आम आदमी पार्टी ने कहा कि दिल्ली सरकार भारत के लिए मेडल लाने वाले सभी खिलाड़ियों को प्रमोट करती है. दिल्ली को रिप्रेजेंट करने वाले खिलाड़ियों को दिल्ली सरकार कई तरह की स्कीम के तहत सम्मानित करती है. जैसे मिशन एक्सीलेंस, प्ले एंड ग्रो. पार्टी के मुताबिक साल 2015-16 से हजारों खिलाड़ियों को करोड़ों रुपये की मदद दी जा चुकी है.
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