BJP Govt In Odisha First Challenge: ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के लिए चक्रवात 'दाना' पहली बड़ी परीक्षा की तरह सामने आई है. क्योंकि राज्य के आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ पहले इन चुनौतियों से निपटने की तैयारियों को बीजद प्रमुख और पूर्व सीएम नवीन पटनायक के नज़रिए से देखते थे. अब सभी की निगाहें ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी पर हैं, जो चक्रवात 'दाना' के लिए तैयारियों को बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं.


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सर्वश्रेष्ठ अधिकारियों पर भरोसा कर रहे सीएम मोहन चरण माझी


राजधानी भुवनेश्वर में विशेष राहत आयुक्त के कार्यालय में चक्रवात 'दाना' की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक बैठक के दौरान ओडिशा के सीएम मोहन चरण माझी ने शून्य हताहत के अपने लक्ष्य पर फिर से जोर दिया. यह उनकी और उनकी सरकार की पहली बड़ी परीक्षा मानी जा रही है. भाजपा और प्रशासन के सूत्रों मुताबिक, सीएम माझी अपने सर्वश्रेष्ठ अधिकारियों पर भरोसा कर रहे हैं, जिन्होंने पहले भी चक्रवातों को संभाला है.


भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के सामने पहला चक्रवाती तूफान


सीएम माझी ने कहा कि वह चक्रवात 'दाना' को लेकर ज़्यादा सतर्क हैं, क्योंकि यह पहला चक्रवात है, जिसे भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार संभाल रही है. उन्होंने पिछली सरकार से आपदा प्रबंधन के अनुभव वाले छह आईएएस अधिकारियों को वापस बुलाया है. के सुदर्शन चक्रवर्ती, त्रिलोचन माझी, बलवंत सिंह, विनीत भारद्वाज, यामिनी सारंगी और समर्थ वर्मा बालासोर, भद्रक, पुरी, मयूरभंज, जगतसिंहपुर और केंद्रपाड़ा जैसे छह जिलों में राहत और बचाव कार्यों की जिम्मेदारी संभालेंगे.


नौ जिले में ग्राउंड जीरो पर मौजूद हैं दो डिप्टी सीएम समेत नौ मंत्री


रिपोर्ट के मुताबिक, इन अधिकारियों का सत्ता परिवर्तन के तुरंत बाद तबादला कर दिया गया था, लेकिन अब उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है, क्योंकि राज्य शुक्रवार (25 अक्टूबर) को भीषण चक्रवाती तूफान के आने की तैयारी कर रहा है. सीएम माझी ने कहा कि नौ मंत्री नौ जिलों को संभाल रहे हैं, जिनमें उनके दो डिप्टी सीएम कनक वर्धन सिंहदेव और प्रवाती पारिदा भी शामिल हैं. सभी चक्रवात से निपटने की जमीनी तैयारी और बदलती स्थिति की निगरानी के लिए ‘ग्राउंड जीरो’ पर मौजूद हैं.


चक्रवाती तूफान वाले जिलों में नेता, अफसर और एक्सपर्ट्स तैनात


सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार ने कोई जोखिम नहीं उठाने का फैसला किया और चक्रवाती तूफान से प्रभावित जिलों के सभी शैक्षणिक संस्थानों के लिए 23 से 25 अक्टूबर तक सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया था. इसके अलावा, सभी मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों को संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया गया है, जबकि प्रत्येक विधायक को अपने निर्वाचन क्षेत्र में लोगों के साथ मौजूद रहने के लिए कहा गया है. 


चक्रवात दाना से 'शून्य हताहत' सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास


ओडिशा में माझी सरकार ने चक्रवात 'दाना' के असर से 'शून्य हताहत' सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए हैं. उन्होंने कहा कि चक्रवातों से निपटने में जो विशेषज्ञ हैं, उन्हें नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. इस बारे में ओडिशा के एक वरिष्ठ पत्रकार ने बताया, "शून्य हताहत नई सरकार के लिए लक्ष्य और चुनौती है. वे अधिक सावधान हैं और उन्हें केंद्र सरकार का पूरा समर्थन मिल रहा है." 


10 लाख लोगों को सुरक्षित निकाल सकने की पूरी प्रशासनिक तैयारी


प्रशासनिक तैयारियों के तौर पर हेलीकॉप्टर और अन्य संसाधन स्टैंडबाय पर हैं, जिन्हें 10 लाख लोगों को सुरक्षित निकालने का लक्ष्य भी दिया गया है. ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल (ODRAF) के जवान, जिन्होंने 'फानी' जैसे तूफानों से निपटा है, 14 जिलों में तैनात हैं. इन जिलों में 51 ODRAF टीमें और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की 25 टीमें हैं. इनके साथ ही 178 अग्निशमन दल भी हैं. 


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पुरी के सांसद संबित पात्रा अपने निर्वाचन क्षेत्र में लोगों के बीच तैनात 


पुरी के सांसद संबित पात्रा अपने निर्वाचन क्षेत्र में तैनात हैं. उन्होंने जिला मजिस्ट्रेट, पुलिस अधीक्षक और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ कई बैठकें की हैं. उन्होंने मीडिया को बताया, "मुझे राज्य सरकार को धन्यवाद देना चाहिए कि वे पहले दिन से ही हाई अलर्ट पर हैं और लोगों की सकुशल निकासी सहित सभी सावधानियां बरती हैं. हम जानते हैं कि कुछ नहीं बुरा होगा और हम अपने लोगों के साथ हैं."


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