Massive earthquake: हाल ही में प्रशांत महासागर की सतह पर वैज्ञानिकों को एक छेद नजर आया है. प्रशांत महासागर के सतह पर हुए इस छेद से पानी का रिसाव दर्ज किया गया है. वैज्ञानिकों को इस बात का डर है कि अगर रिसाव ऐसे ही बढ़ता रहा तो 1 दिन किसी बड़े विनाशकारी भूकंप का कारण बनेगा. वैज्ञानिकों को समुद्र के 1 मील नीचे मीथेन के बुलबुले दिखाई दिए. इस घटना के बारे में साइंटिफिक एडवांस जर्नल में विस्तार से बताया गया है. इस पर रिसर्च कर रहे वाशिंगटन विश्वविद्यालय के समुद्र विज्ञानी इवान सोलोमन ने कहा है कि इस रिसाव के चलते यहां एक टाइम पर घर्षण कम हो जाएगा और दो प्लेटें फिसल सकती हैं जो भूकंप की वजह साबित होंगी. आपको बता दें कि इस रिसाव को पाइथियास ओएसिस नाम दिया गया है.


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पहली बार दिखी ऐसी घटना


समुद्र पर रिसर्च करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तरह का रिसाव अमेरिका और कनाडा के प्रशांत तटों पर पहली बार देखा गया है. इससे पहले इस तरह की घटना कभी नहीं देखी गई थी. इस रिसाव को कैस्केडिया सबडक्शन जोन (CSZ) में दर्ज किया गया है. आपको बता दें कि CSZ वह जगह होती है जहां दो प्लेटें टकराने की संभावना सबसे ज्यादा होती है. वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर रिसाव ज्यादा हुआ तो कल को यहां की प्लेटें भी खिसक सकती हैं. रिसर्चर की मानें तो इस जगह का तापमान 300 और 500 डिग्री फारेनहाइट के बीच है जो न्यूपोर्ट से लगभग 50 मील की दूरी पर समुद्र की सहत के पानी के गर्म होने की वजह भी है.


कई और जगहों पर मौजूद हो सकते हैं CSZ


रिपोर्ट की मानें तो पानी का रिसाव ज्यादा होता है तो फॉल्ट पर दबाव बढ़ेगा और दोनों प्लेटों पर जोर पड़ेगा. अगर तनाव बढ़ेगा तो भूकंप आने की चांस और भी ज्यादा हो सकते हैं. शोध के लेखकों का दावा है कि इस तरह की जगहों में यह अकेला नहीं हो सकता है. कैस्केडिया सबडक्शन जोन कई और जगहों पर भी मौजूद हो सकते हैं. 


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