नई दिल्ली: ब्रिटेन में गिरफ्तार दाऊद इब्राहिम के सबसे करीबी जाबिर मोतीवाला ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि दाऊद पाकिस्तान में है. अमेरिकी जांच एजेंसियों के मुताबिक जाबिर मोतीवाला दाऊद का खास है और उसके  पास दाऊद और उसके नेटवर्क  को लेकर काफी जानकारी है. ऐसे में भारतीय एजेंसियां जाबिर मोतीवाला के डी नेटवर्क को लेकर अमेरिकी एजेंसी एफबीआई से संपर्क करने की तैयारी में है. भारतीय एजेंसियों के मुताबिक दाऊद के डी नेटवर्क और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के बीच गठजोड़ है और मोतीवाला इसमें अहम कड़ी है. मोतीवाला डी नेटवर्क का अंतराष्ट्रीय नेटवर्क चलाता है और पाकिस्तानी आतंकी संगठनों से भी उसके संबध हैं. मोतीवाला अक्सर पाकिस्तान आता जाता रहा है.


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एफबीआई ने ब्रिटेन से मोतीवाला के प्रत्यर्पण की मांग की है जिसकी सुनवाई अदालत में हो रही है. कोर्ट में मोतीवाला के प्रत्यपर्ण के दौरान हुई सुनवाई के दौरान कहा है कि दाऊद मुबई धमाकों में वांछित है जिसमें 200 से ज्यादा लोग मारे गये थे.एफबीआई ने ब्रिटेन से मोतीवाला के प्रत्यर्पण की मांग की है जिसकी सुनवाई अदालत में हो रही है.


एफबीआई की जांच में खुलासा हुआ है कि जाबिर मोतीवाला के पास यूके का दस साल का वीज़ा है जिसकी अवधि साल 2028 में खत्म होगी लेकिन वो पिछले कुछ महीनों से अपने परिवार के साथ एंटिगुआ और बरबुडा की नागरिकता लेने की कोशिश में लगा हुआ था. जाबिर ने इसके लिए दुबई की एक कंपनी में 2 लाख अमेरिकी डॉलर भी जमा कराए थे .


मोतीवाला को लंदन की स्काटलैंड यार्ड पुलिस ने पिछले साल 17 अगस्त को मनी लांड्रिंग और डी कंपनी के नार्कोटिक्स के मामले में गिरफ्तार किया था जिसके बाद अमेरिका ने ब्रिटने से मोतीवाला के प्रत्यपर्ण की अपील की थी. ज़ी न्यूज के पास मौजूद जानकारी के मुताबिक मोतीवाला के बचाव में लंदन में स्थित पाकिस्तानी हाईकमीशन सामने आ गया है. यूके के वेल्टमिनिस्टर कोर्ट में जज को दिये लेटर में पाकिस्तानी हाईकमीशन ने बाताया है कि जाबिर मोतीवाला एक सम्मानित बिजनेसमैन है और उसका डी कंपनी से कोई लेना देना नहीं है.


डी कंपनी के नेटवर्क पर नज़र रखने वाले एक अधिकारी ने ज़ी न्यूज को बताया है कि जाबिर मोतीवाला की गिरफ्तारी से पाकिस्तान को डर है कि पूरी दुनिया के सामने पाकिस्तान दाऊद इब्राहिम को लेकर बेनकाब हो सकता है. पाकिस्तान अब तक हर बार यही राग अलापता रहा है कि दाऊद पाकिस्तान में नहीं है. भारत सरकार कई बार पाकिस्तान को दाऊद पर सबूत सौंप चुकी है लेकिन हर बार पाकिस्तान मना करता रहा है.


एफबीआई के मुताबिक मोतीवाला अमेरिका में न सिर्फ नशीले पदार्थों की तस्करी करता है बल्कि वो कालेधन को सफेद बनाने के कारोबार में भी शामिल रहा है . मोतीवाला को अपने जाल में फंसाने के लिए एफबीआई ने हिरोईन का सौदा किया था. साथ ही मनी लांड्रिंग पर भी मोतीवाला से मदद मांगी थी. अमेरिकी सरकार के वकील ने कोर्ट में कह चुकी है कि मोतीवाला कई बार पाकिस्तान गया है औऱ वहां जाकर वो दाऊद के लिए कई बैठकें भी करता रहा है.