Dausa: राजस्थान के दौसा जिले में बोरवेल में गिरे पांच वर्षीय बच्चे को करीब 55 घंटे बाद बुधवार को बाहर निकाल लिया गया. अधिकारियों ने बताया कि बच्चे को बेहोशी की हालत में एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया. हालांकि जब डॉक्टरों ने उसके इलाज करने शुरू करने की कोशिश की तो पता चला कि बच्चा की मौत हो चुकी थी. दौसा अस्पताल के चीफ मेडिकल ऑफिसर (CMO) ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमने दो बार बच्चे की ईसीजी की थी लेकिन बच्चे को अंदर कोई लाइफ नहीं बची थी. 


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लगभग 55 घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद बच्चे को बोरवेल से बाहर निकाला गया और एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम से लैस एंबुलेंस के ज़रिए उसे अस्पताल ले जाया गया लेकिन बच्चे पहले ही दम तोड़ चुका था. 150 फीट गहरे बोरवेल में गिरे 5 वर्षीय बच्चे को बचाने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और प्रशासनिक अधिकारियों की मदद से बोरवेल के समानांतर जमीन खोदने का काम किया. इस दौरान कई जेसीबी, एनएलटी और अन्य मशीनें लगातार काम कर रही थी. 



दरअसल, सोमवार (9 दिसंबर) को दोपहर बाद करीब 3:30 बजे आर्यन नाम का लड़का खेलते समय बोरवेल में गिर गया था. तभी से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. मासूम 160 फीट गहरे बोरवेल में करीब 150 फीट पर अटका हुआ था. बोरवेल के पास खुदाई कर बच्चे तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है. कई जेसीबी मशीनों और ट्रैक्टर की भी मदद ली गई. 


मशीन हुई खराब, रुका ऑपरेशन


बताया जा रहा है कि 9 दिसंबर की रात आखिरी बार बच्चे में हरकत देखी गई थी और बोरवेल में ऑक्सीजन की सप्लाई भी की जा रही थी. लगातार चल रहे इस ऑपरेशन में खुदाई करते समय एक पाइलर मशीन भी खराब हो गई. जिसके बाद खुदाई का काम लगभग 4-5 घंटों के लिए रुका रहा. दूसरी मशीन मंगवाने के बाद एक बार फिर से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. खुदाई करते समय मिट्टी धंस जाने की वजह से बच्चे के ऊपर भी गिर गई थी. 



खेत में बनी टंकी पर नहा रही थी मां


जानकारी के मुताबिक, जगदीश मीणा की पत्नी खेत में बनी टंकी पर नहा रही थी. इसी दौरान आर्यन भी वहां खेल रहा था. तभी वो अचानक बोरवेल में गिर गया. इसके बाद शोर मचाकर मां ने आसपास के लोगों और पुलिस को इस घटना के बारे में सूचित किया था. जानकारी मिलते ही संबंधित टीमें मौके पर पहुंची और खुदाई के लिए काम शुरू कर दिया.